नई दिल्ली : पुलवामा हमले के बड़ा केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागातार कड़े कदम उठाये जा रहे हैं। पुलवामा हमले के तुरंत बाद सरकार ने कुछ अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ले ली थी, जिसके बाद अब एक बार फिर 18 अलगाववादियों और 155 नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था वापस ले ली गयी है।
जिन लोगों की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासिन मलिक, पूर्व आईएस अधिकारी शाह फैजल और पीडीपी नेता वहीद पारा भी शामिल हैं। अधिकारियों मे यहां कहा, “इन लोगों को प्रदान किए गए 1,000 से अधिक निजी सुरक्षा गार्ड और 100 वाहन हटाए जा रहे हैं।”
बताया जा रहा है कि 4 बड़े अलगाववादी नेताओं में मीरवाईज उमर फारूक, शबीर शाह, प्रोफेसर अब्दुल गानी भट और बिलाल लोन की सुरक्षा सोमवार को हटा ली गई थी। राज्य के मुख्य सचिव बीवी आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समीक्षा बैठक में यह महसूस किया गया कि इन अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य के सीमित संसाधनों की बर्बादी है जिनका प्रयोग किसी अच्छी जगह पर किया जा सकता है।