लोकपति सिंह की रिपोर्ट
शहाबगंज ।चन्दौली राम नाम के स्मरण में ही जीवन का सब सुख है। जबकि राम नाम का विस्मरण करने में दुःख ही दुःख ही मिलता है। राम नाम का स्मरण करके मानव भवसागर को पार हो जाता है। उक्त बातें तियरा गांव के पास हनुमान जी मंदिर के पास हो रही आयोजित श्री राम कथा की छठवीं निशा पर कथावाचक पंडित निरजानंद शास्त्री ने कहा
उन्होंने यह भी कहा कि प्रभु श्री राम की भक्ति करके भवसागर को कोई भी पार हो सकता हैं। उन्होंने कहा कि संतो की कोई जाति तथा कुल नहीं होता। प्रभु की भक्ति करके किसी भी जाति कुल में जन्मा व्यक्ति संत कहलाता है। कहा कि व्यक्ति सुख के खातिर चाहे जितना भी भौतिक संसाधन क्यों न जुटा ले। मगर जो सुख प्रभु की भक्ति में है। वह सुख संसार में और कहीं नहीं है। कथा की शुरुआत समाज सेविका डॉ गीता शुक्ला तथा पूनम पांडे ने दीप प्रज्वलित कर किया इस कथा के दौरान अरविंद मिश्रा, उमाशंकर पांडे, महेंद्र मौर्य, आस्था पांडे, चंद्र शेखर पांडे,
जय प्रकाश पांडे, सुभाष चंद्र मिश्र, श्याम नारायण, त्रिभुवन, अभिलेश, दीपक, विशाल मौर्य, उमाशंकर मौर्य, आदि भक्तगण उपस्थित रहे।