नई दिल्ली : भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गए वामपंथी विचारकों पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पाँचों आरोपियों के नजरबंदी की तारीख 19 सितंबर तक बढ़ा दी है। इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया।
गिरफ्तार किए गए कथित ‘माओवादी समर्थकों’ को दो और दिन तक हाउस अरेस्ट रहना होगा। इससे पहले सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इनसे देश में शांति भंग का खतरा है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पांचों आरोपियों के खिलाफ पुणे पुलिस की ओर से जुटाई गई सामग्री की जांच करने की बात कही।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके पास इस मामले में पुख्ता सबूत हैं जिनके आधार पर गिरफ्तारी की गई है। बहस के बाद अगली तारीख देते हुए कोर्ट ने कहा कि 19 को होने वाली सुनवाई में सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 20 मिनट और पीड़ितों को 10 मिनट का समय दिया जाएगा।
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