महिला डॉक्टर ने जहर का इंजेक्शन लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में मृत पति को बताया हैवान, बेटे पर भी आरोप

आशीष गौरव पांडेय की रिपोर्ट :

वाराणसी : बनारस में महिला डॉक्टर शिल्पी राजपूत (48) ने जहर का इंजेक्शन लगा कर आत्महत्या कर ली। शु्क्रवार की सुबह क्षेत्र के शहर के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने शिल्पी राजपूत को मृत घोषित कर दिया। कैंट पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया है और उसकी जांच की जा रही है।

शहर के अर्दली बाजार क्षेत्र स्थित न्यू उमंग नर्सिंगहोम की संचालिका डॉ. शिल्पी प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं। पुलिस के अनुसार गुरुवार की रात डेढ़ से दो बजे के बीच डॉ. शिल्पी ने खुद को जहर के दो इंजेक्शन लगाए। नर्सिंगहोम के कर्मियों को जब तक जानकारी हुई तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बता दे कि डॉ. शिल्पी के पति और सरकारी डॉक्टर रहे डॉ. डीपी सिंह की 11 वर्ष पहले 13 सितम्बर 2007 को पांडेयपुर क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में डॉ. शिल्पी को हत्या की साजिश रचने के आरोप में छह अन्य आरोपियों के साथ जेल भेजा गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।



वहीं चर्चा यह भी है कि डॉ. शिल्पी की मानसिक स्थिति पिछले दो-तीन महीने से ठीक नहीं थी। वो उच्च क्षमता वाले ड्रग्स के इंजेक्शन लेती थी, इस वजह से उन्हें नींद बहुत कम आती थी और वह कुछ भी बोलने लगती थी। इधर दो-तीन दिनों से उनका व्यवहार सामान्य हो रहा था। डॉ. शिल्पी के एक बेटा उमंग और एक बेटी दीप्ति है। दोनों दिल्ली में पढ़ाई कर रहे हैं।

बेटे और पति पर आरोप

डॉक्टर शिल्पी राजपूत ने सुसाइड नोट में अपने बेटे उमंग पर आरोप लगाया कि वो उनकी हत्या करना चाहता था और उनकी संपत्ति हड़पना चाहता था। इसके साथ ही उन्होंने सुसाइड नोट में अपने पति का जिक्र करते हुए लिखा कि मैनें 17 वर्ष हैवानियत के साथ बिताए।


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