जल और थल में पूर्ण सुरक्षा का दावा
वाराणसी सावन के दूसरे सोमवार के चलते लाखों श्रद्धालू वाराणसी के गंगा घाट पर पवित्र स्नान की डुबकी लगाकर महादेव के दर्शन कर पुण्य प्राप्त कर रहे हैं | ऐसी परिस्थितियों में जहाँ लाखों की संख्या में कांवरिये आकर गंगा स्नान कर महादेव को जलाभिषेक करते हैं उनमें प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवश्था के बीच एन.डी.आर.एफ. की एक टीम, नदी में तो सुरक्षा प्रदान कर ही रहीं है साथ ही दूसरी टीम भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में तैनात की गयी है | गंगा घाट पर तैनात 25 सदस्यीय टीम को 4 रेस्क्यू बोट, कुशल गोताखोरों व डीप डाइविंग सेट व अन्य बचाव उपकरणों के साथ तैनात किया गया है | जो स्नान के दौरान डूबने की घटनाओं से श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करा रही है |
काशी विश्वनाथ मंदिर में तैनात 25 सदस्यीय टीम के साथ एक मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया है जो आने वाले श्रद्धालुओं का उपचार और निशुल्क दवाएं वितरित कर रही है | दूर-दूर से आने वाले कांवरिये व श्रद्धालू इस कठिन यात्रा के दौरान कई प्रकार की शारीरिक चोटों और मौसमी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं जिनका उपचार एन.डी.आर.एफ. की मेडिकल टीम द्वारा किया जा रहा है | अभी तक एन.डी.आर.एफ. की मेडिकल टीम ने 250 से अधिक श्रद्धालुओं का उपचार किया है, जिसमें कुछ मिरगी और दिल के मरीजों को भी प्राथमिक उपचार देकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया है |
कुल 50 सदस्यीय ये दोनों टीमें पूरे सावन तैनात रहकर आने वाले श्रद्धालुओं सुरक्षा प्रदान करेंगी और मंदिर दर्शन के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने को तैनात रहेंगीं | सावन के इस पावन पर्व पर आलोक कुमार सिंह, डी.आई.जी. एन.डी.आर.एफ. (उ.प्र. , म.प्र.) ने कहा कि “ मैं सभी श्रद्धालुओं और दूर-दूर से आये कांवरियों को इस पावन पर्व की शुभकामनायें देता हूँ और उनकी श्रद्धा में सुरक्षा की भावना को बनाये रखने के लिए एन.डी.आर.एफ. पूरी तरह से प्रतिबद्ध है | जल और थल में एन.डी.आर.एफ. की दो टीमें लगातार श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान कर रही हैं और साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए व श्रद्धालुओं के उपचार के लिए भी लगातार कार्य कर रही है |