एसआई उमेश कुमार ने दी थी दबिश
सुमित शर्मा की रिपोर्ट
बरेली। रिटायर्ड प्रधानाध्यापक टीकाराम को डंडों से पीटकर मौत के घाट उतारने वाले दरोगा अब तक मेरठ में अपने एक रिश्तेदार के घर छुपे थे। सोमवार को पुलिस ने दबिश दी लेकिन उससे पहले ही वह फिर वहां से भाग निकले।
अब पता चला है कि एसआई हरपत सिंह पुलिस से बचने को इलाहाबाद पहुंच गए हैं। उनकी धरपकड़ को एक टीम प्रयागराज भेजी जा रही है।
भोजीपुरा के गांव इटौआ केदारनाथ में रहने वाले ७० वर्षीय टीकाराम सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक पद से रिटायर हो चुके थे। गांव के ही देवीदास ने उनके बेटे ताराचंद के खिलाफ मारपीट की तहरीर भोजीपुरा थाने में दे दी थी। इसके बाद हल्का इंचार्ज हरपत सिंह सिपाहियों के साथ टीकाराम के घर पहुंच गए। बेटा न मिलने पर वह बुजुर्ग टीकाराम को पीटते हुए थाने ले गए।
आरोप है कि दरोगा हरपत सिंह ने थाने लेकर बुजुर्ग को बेरहमी से पीटा। जिससे बुजुर्ग की हालत बिगड़ गई थी। उन्हे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। बुजुर्ग टीकाराम के बेटे ताराचंद की शिकायत पर दरोगा के खिलाफ पहले मारपीट और फिर गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा तरमीम कर दिया गया। तभी से दरोगा हरपत सिंह फरार हैं।
पुलिस आरोपी दरोगा की तलाश में जुटी हुए है। पुलिस ने फरार दरोगा के घर गौतमबुद्घ नगर और मेरठ में दबिशें दीं लेकिन वह फरार हो गए। दो दिन पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि दरोगा मेरठ में अपने एक रिश्तेदार के घर पर थे। गिरफ्तारी के लिए भोजीपुरा के दरोगा उमेश कुमार मेरठ पहुंचे तो पता चला कि दरोगा वहां से पहले ही फरार हो गया। अब पता चला है कि फरार दरोगा प्रयागराज पहुंच गया है। पुलिस टीम अब प्रयागराज में दबिश देने की तैयारी में है।
तीन दिन की छुट्टी लेकर फरार हुए दरोगा
बुजुर्ग की पिटाई करने पर सस्पेंड हुए दरोगा हरपत ने लाइन में आमद कराने के बाद तीन दिन की छुट्टïी ले ली थी। तभी से उनका कोई सुराग नहीं लग रहा है। अब छुट्टी देने वाले अधिकारी भी उसको छुट्टी देने की बात से मुकर रहे हैं। उनका कहना है कि हरपत किससे छुट्टी लेकर गए, इस बारे में उन्हे कुछ नहीं पता।