वाराणसी एन.डी.आर.एफ के रेस्कुएर राजेंद्र गौतम ने कर्त्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर कुम्भ मेले में आपदा प्रबंधन में सर्वोच्च बलिदान दिया है | कर्तव्य की राह पर शहादत को प्राप्त हुए एन.डी.आर.एफ के नंबर 041630026 कांस्टेबल राजेंद्र गौतम के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए गंगा नदी में डूबते हुए श्रद्धालू को बचाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी | दिनांक 19 फरवरी को कुम्भ, प्रयागराज सेक्टर 20 के सोमेश्वर घाट पर लगभग प्रातः 0545 बजे जब एक श्रद्धालू स्नान करते समय डूबने लगा तो वहां पर तैनात एन.डी.आर.एफ के सतर्क और सजग रेस्कुएर राजेंद्र गौतम ने बिना समय गँवाए अपनी जान की परवाह किये बिना श्रद्धालू को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी और अपने कर्त्तव्य “आपदा सेवा सदैव” को सार्थक करते हुए श्रद्धालू की जान को अपनी जान से ज्यादा कीमती समझते हुए उन्हें पानी से बाहर निकालने लगे, लेकिन उसी दौरान पानी में किसी सख्त वस्तु से टकरा गए और खुद गंभीर रूप से घायल हो गए | घायल अवस्था में भी उन्होंने डूबते व्यक्ति की जान बचाने को अपना परम कर्त्तव्य समझा और अचेतन अवस्था तक उस व्यक्ति का हाथ नहीं छोड़ा | उन्होंने डूबते श्रद्धालू को तो बचा लिया लेकिन अत्यधिक चोट के कारण अचेत होकर पानी में गिर पड़े और बेहोश होने तक पीड़ित श्रद्धालू को हॉस्पिटल ले जाने के लिए अपने साथियों से बोलते रहे | तत्पश्चात वे बेहोश होकर गिर पड़े और तुरंत साथी रेस्कुएर ने उन्हें नजदीकी सेक्टर हॉस्पिटल में भर्ती कराया | चोट की गम्भीरत को देखते हुए उन्हें सेक्टर हॉस्पिटल से सेंट्रल और फिर वहां से स्वरुप रानी जिला अस्पताल में भेज दिया गया | वहाँ जाँच के बाद पता लगा कि उनकी रीढ़ की हड्डी तीन जगह से टूट गयी है जिससे उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था लेकिन ऐसी स्थिति में भी एन.डी.आर.एफ के जांबाज़ रेस्कुएर राजेंद्र गौतम ने अपने कर्त्तव्य को प्राथमिकता देते हुए अपने साथी रेस्कुएर से बार-बार कहते रहे कि “आप मेरी चिंता मत कीजिये मैं अभी ठीक होकर ड्यूटी पर आता हूँ, तब तक आप ड्यूटी पर जाकर श्रद्धालुओं को घाट पर जाकर सुरक्षा दीजिये” लेकिन शायद राजेंद्र गौतम को इस बात का एहसास नहीं था कि उनकी चोट कितनी गंभीर है | जिला चिकित्सालय ने अग्रिम उपचार हेतु राजेंद्र गौतम को सफ़दरजंग हॉस्पिटल नयी दिल्ली भेजने का सुझाव दिया |
एन.डी.आर.एफ के रेस्कुएर की गंभीर अवस्था को देखते हुए एन.डी.आर.एफ के उच्च अधिकारीयों व मेला प्रशासन के समन्वय से त्वरित कार्यवाही करते हुए राजेंद्र गौतम को एयर एम्बुलेंस के माध्यम से उसी दिन सफ़दरजंग हॉस्पिटल नयी दिल्ली भेज दिया गया जहाँ पर 20 फरवरी को चिकित्सकों की एक टीम द्वारा उनका ऑपरेशन भी किया गया और उनकी स्थिति में सुधार होने लगा था लेकिन 22 फरवरी को मध्य रात्रि में उनकी स्थिति बिगड़ने लगी | चिकित्सकों ने उनकी जान बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहे एन.डी.आर.एफ रेस्कुएर राजेंद्र गौतम 22 फरवरी सुबह 0445 बजे शहादत को प्राप्त होकर देश पर अपने प्राणों को न्यौछावर कर गए |
पटना स्थित 9 वीं वाहिनी एन.डी.आर.एफ में कार्यरत नंबर 041630026 कांस्टेबल राजेंद्र गौतम निवासी गाँव लाहर, जिला विलासपुर हिमाचल प्रदेश, मूलरूप से बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स (BSF) के कर्मी हैं जिन्होंने वर्ष 2013 में एन.डी.आर.एफ को जॉइन किया था | शहीद को याद करते हुए श्री सत्य नारायण प्रधान, महानिदेशक एन.डी.आर.एफ ने कहा कि, “शहीद राजेंद्र गौतम ने बिहार की भीषण बाढ़ व अन्य राहत बचाव कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया है जिसके लिए एन.डी.आर.एफ बल उनके इस योगदान को सदैव याद रखेगा | कर्त्तव्य की राह पर कुर्बान हुए एन.डी.आर.एफ के जवान को हम सभी कार्मिक, उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली देते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना करते हैं”
“जय हिन्द”