सुनील कुमार की रिपोर्ट
नौगढ़ चन्दौली ग्राम्या संस्थान, यू .एन. टी .एफ. एवं आशा फॉर एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर गुरुवार को लालतापुर गांव स्थित चिराग केंद्र पर विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम का शुभारम्भ लालतापुर की बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत कर किया गया।इसके पश्चात् बच्चों ने राष्ट्रीय गीत ,भाषण एवं बालिका शिक्षा पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की।इस दौरान आयोजित गोष्ठी मे रामअशीश ने कहा कि हमारे समाज में माता-पिता एवं समाज के लोग बालक बालिका में भेदभाव करते हैं। पढ़ाई लिखाई खान-पान रहन-सहन आदि में लड़कियों को बहुत कम अवसर मिलता है जो असंवैधानिक है ।हम सब आज बालिका दिवस के अवसर पर प्रतिज्ञा करें कि बालक बालिका दोनों को समान अवसर देंगे ।तभी निश्चित ही समाज में गैर बराबरी कम होगी ।गोष्ठी में बच्चालाल ने कहा कि बालिका दिवस हमारे देश में 2008 से ही मनाया जा रहा है। यह दिवस हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के त्याग, समर्पण एवं लड़कियों तथा महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए सराहनीय योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि समाज से इस कलंक को मिटायें एवं स्वस्थ समाज का निर्माण करें ।ग्राम्या संस्थान के रामविलास ने बताया कि बालिका दिवस के रूप में 24 जनवरी को सरकार द्वारा इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने 1966 में भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री का पद संभाला तबसे बालिका दिवस को नारी शक्ति के रूप में याद किया जाता है ।इसका प्रथम उद्देश्य लोगों में लड़कियों के प्रति व्याप्त भ्रांतियां दूर करना जागरूकता फैलाना और कन्या भ्रूण हत्या के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जानकारी फैलाना है ।गोष्ठी में मोहन, रामबली ,सुरेश ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में देवरा ,नर्वदापुर ,सोनवार, मझगावॉ, तेन्दुआ ,बसौली, डुमरिया, बाघी सहित 30 गांव से हरिचरण ,कोलेश्वर, जयप्रकाश ,सुनील, रामबली, रमेश, अजीत, विजय ,कुसुम .रेखा, सरिता, ममता सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।