बाढ़ के समय बचाव के लिए चला पूर्वाभ्यास अभियान

 

संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट

बलिया। हर साल आने वाली बाढ़ में प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी ना होने से लोगों को भारी क्षति होती है जिससे प्रशासन और सरकार दोनों की किरकिरी होती है । इसको देखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने बाढ़ के दौरान लोगों के बचाव के लिए पूर्वाभ्यास करना शुरू कर दिया। इसी के तहत क्षेत्र के सरया उजियार घाट पर गुरुवार के दिन बाढ़ से बचाव की जानकारी देने के लिए कार्यक्रम किया गया। जिसमें विभिन्न विभाग के लोगों ने सहयोग किया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी बलिया, पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जल निगम, जल संसाधन एवं सिंचाई विभाग, पशु पालन विभाग , लोक निर्माण विभाग, फायर ब्रिगेड , पीएसी, होमगार्ड समेत थानाध्यक्ष नरहीं और कोरण्टाडीह चौकी इंचार्ज मौजूद रहे । साथ ही सेना में 21 वीं बटालियन कुमाऊं रेजीमेंट के मेजर आर श्रीचंदन के नेतृत्व में 12 लोगों की एक टीम भी मौजूद रही, जो बाढ़ के समय लोगों के बचाव में मदद करेगी । कार्यक्रम में प्रशासनिक अमला समेत क्षेत्र की काफी संख्या में जनता भी मौजूद रही। घाट पर आयोजित बाढ़ राहत का पूर्वाभ्यास कार्यक्रम सभी लोगों ने देखा और बाढ़ से बचाव के विषय में जानकारी भी हासिल की । डूबते हुए लोगों के बचाव के लिए प्रशिक्षित होमगार्ड्स तैनात रहे जिन्होंने जिला अधिकारी की मौजूदगी में डूबते हुए लोगों को कैसे बचाया जाए यह करके दिखाया साथ ही मौके पर यदि स्ट्रेचर नहीं है तो लोगों को कैसे एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर तत्काल स्ट्रेचर बनाकर ले जाया जा सकता है यह करके दिखाया। अधिकारियों ने बताया कि जब बाढ़ विभाग द्वारा जल स्तर के व्यापक रूप से बढ़ने की सूचना दी जाएगी उसके 1 घंटे के भीतर ही यह सारा मामला बचाव कार्य के लिए उपस्थित होगा। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि व्यापक रूप से वायरलेस सेट का प्रयोग किया जाएगा अभी कुछ सेट की कमी है जिस की पूर्ति के लिए मांग की जा चुकी है।

पशुपालन विभाग से तैनात चिकित्सकों ने बताया कि बाढ़ के समय में पशुओं को रोग से बचाव के लिए टीके लगाए लगाए जाएंगे बाढ़ के समय में खुर पका, मुंह पका, गला घोटू आदि रोग पशुओं को सकते हैं जिस के टीके पहले से ही लगाया जा रहे हैं। जल निगम की टीम ने बताया कि हमारी तरफ से पूरी तैयारी है जहां पर पानी की व्यवस्था समुचित नहीं हो पाएगी वहां पर तत्काल हैंड पंप लगाया जाएगा जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए असुविधा ना हो।

 

*घुटने तक पानी में हुआ अभ्यास*

बाढ़ से बचाव के लिए पूरा अभ्यास करने पहुंची टीम जब गंगा नदी में उतरी तो करीब काफी  दूर तक जाने के बाद भी केवल घुटने तक ही पानी मिला जिससे डूबने का अभ्यास करने में काफी परेशानी हो रही थी। क्योंकि गंगा में पानी केवल नाम मात्र का ही रह गया है लेकिन इसके बाद भी थोड़े से ही पानी में टीम के सदस्यों ने डूबकर तथा बचाव कर के लोगों को बाढ़ के समय डूबने वाले लोगों को किस तरह से बचाया जाता है इसका अभ्यास कराया गया!

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