अनेश कुमार की रिपोर्ट :
एटा : मौसम के पल-पल बदलते मिजाज के चलते संक्रामक रोग तेजी से पैर पसार रहे हैं। बुखार तो गंभीर रूप ले चुका है। डेंगू के मामले भी कम नहीं हैं। तमाम कोशिशें नाकाम होने पर अब विभाग को सिर्फ पारा गिरने का इंतजार है। ताकि तापमान कम होने पर मच्छरों और रोगों से मुक्ति मिल सके।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अब तक मलेरिया के मरीजों की संख्या 380 पहुंच गई है। निजी पैथोलॉजी लैब में यह आंकड़ा हजारों में है। डेंगू के भी चार-छह मामले रोज मिल रहे हैं। सरकारी रिकार्ड में डेंगू के चार मामले दर्ज हैं। लेकिन एक का भी इलाज सरकारी अस्पतालों में नहीं हुआ है। स्वास्थ्य महकमा असहाय बना हुआ है।
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. अरुण कुमार बताते हैं कि मच्छरों के पनपने के लिए यह मौसम उपयुक्त है। पारा गिरने पर मच्छरों में कमी आएगी। टायफाइड भी कर रहा परेशान: मलेरिया, डेंगू से ज्यादा परेशान टायफाइड कर रहा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन होने वाली जांचों में मलेरिया से अधिक टायफाइड के मामले मिल रहे हैं। दो और मरीजों में डेंगू की पुष्टि:जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में शनिवार को अवंतीबाई नगर निवासी 22 वर्षीय रीना और सीएमओ कंपाउंड निवासी 20 वर्षीय पल्लवी को डेंगू की पुष्टि हुई। दोनों के परिजन इलाज के लिए निजी चिकित्सकों के पास चले गए।