असलम खान की रिपोर्ट
मीरजापुर अहरौरा नगर क्षेत्र की प्राचीन वह प्रसिद्ध मां भंडारी धाम की पहाड़ी से उनके मायके शिउर गांव स्थित राजा बाबा की पहाड़ी तक उनकी डोला यात्रा निकाली जाती है उनके ससुराल पक्ष के लोग उनकी विदाई के लिए उनके मायके ढोल नगाड़े के साथ जाते हैं सिउर गांव के लोग डोला यात्रा में आए श्रद्धालुओं का किसी बराती की तरह आओ भगत करते हैं तत्पश्चात पूजा पाठ विधि विधान के बाद नैहर पक्ष मां भंडारी को डोला में बैठा कर वि
दा करते हैं आगे-आगे मां का डोला मुझे पीछे लाखों भक्तों का भीड़ मां का जयकारा लगाते हैं बीच रास्ते में मां भंडारी रूठ कर पुनः नैहर चली जाती है डोला उठा रहे कहारों को तब डोला हल्का लगने लगता है पुनः पूरे श्रद्धालु मां कि मैं के पक्ष वालों का मान-मनौव्वल पूजा पाठ करते हैं पुनः मां भंडारी ढोला में सवार होती है मां के जयकारों के साथ भक्तगण पीछे-पीछे डिह ग्राम सभा स्थित भंडारी देवी के पहाड़ पर मां की मंदिर तक जाते हैं प्रत्येक 3 साल पर मां भंडारी अपने मायके जाती हैं मां भंडारी का मेला साल के सावन माह में पूरे महीने लगता है पूरे मिर्जापुर जनपद व आसपास के जनपद से श्रद्धालु व सैलानी पूरे सावन माह तक दर्शन को आते हैं मेले में सुरक्षा व्यवस्था की कमान नगर चौकी प्रभारी आलोक कुमार सिंह मैं फोर्स ने संभाल रखी थी।