राम धीरज यादव की रिपोर्ट :
रायबरेली : मंदिर के विवादित जमीन को लेकर अधिकारियों के पास लगातार चक्कर काट रहे और हत्या की अंशका जता रहे बाबा प्रेमदास की कहानी आखिरकार खत्म ही हो गई है। बाबा की मंदिर परिसर में ही गेट पर लाश लटकता मिली है, जिसके बाद ग्रामीणों ने हत्या की अशंका जताई है। यही नही बाबा की लाश ग्रामीण उतारने को तैयार नही है। लोगों की मांग है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ मौके पर पहुंचे। वहीँ कोई कोई विवाद न हो, इसे लेकर लेकर डीएम व अपर एसपी सहित कई सीओ व कई थाने की पुलिस मुस्तैद है।
बाबा की हत्या की खबर सुनते ही मंदिर परिसर से लेकर बाहर तक दूसरा कुंभ जैसी भीड़ नजर आ रही है। विदित हो कि मंदिर विवाद को लेकर काफी समय से बाबा से कुछ असरदार लोगों का विवाद चल था और अभी हाल मे ही बाबा ने अमेठी के गौरीगंज के महराज मौनी बाबा को उक्त मंदिर का पीठाशीन अधिकारी नियुक्ति किये जाने की बात कही थी, जिसे लेकर बाबा ने डीएम अमेठी से भी विवाद और हत्या की अशंका जताई थी, जिसपर डीएम अमेठी ने रायबरेली डीएम और एसपी से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। हालाकि मंदिर विवाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक चल रहा हैं। फिलहाल ग्रामीण बाबा मौनी महराज के इंतजार में है। उनके आने के बाद ही कुछ फैसला ग्रामीण ले सकते है। मामला ऊँचाहार कोतवाली क्षेत्र के रामजान की मंदिर इटौरा बुजुर्ग गांव है।