रामकृष्ण पाण्डेय की रिपोर्ट :
भदोही : डीजे पर प्रतिबंध होने के बावजूद डीजे संचालक नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से डीजे बजा रहे हैं। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में ही डीजे की आवाजें सुनाई देती थी, लेकिन अब तो शहर में यह डीजे आसानी से घूमते हुए नजर आ जाते है। जवाबदारों की अनदेखी का नतीजा है कि डीजे संचालक खुलेआम नियमों को अनदेखा कर डीजे का संचालन कर रहे है।
इनकी ध्वनि भी इतनी तेज होती है कि आम आदमी अब इनसे परेशान हो चुका है। जबकि कोर्ट ने डीजे व साउंड को निर्धारित समय दायरे व निर्धारित आवाज के रेशियो में जाने का निर्देश दे रखा है। लेकिन वैवाहिक कार्यक्रम हो या अन्य आयोजन, धड़ल्ले से साउंड सिस्टम बिना परमिशन बज रहे हैं, जिन्हें बन्द कराने में पुलिस भी नाकाम साबित हो रही है। वैवाहिक कार्यक्रमों में धमाल मचाने के उद्देश्य से काफी मात्रा में बिना परमिशन डीजे व आर्केस्ट्रा का उपयोग किया जा रहा है, जो कोर्ट की अवमानना करता दिख रहा है। इस मामले में पुलिस संज्ञान लेने के बजाय मूक दर्शक और श्रोता बनी हुई है।
डीजे बजाने के नियमों का पालन शहरी क्षेत्र में तो कही-कही दिखाई देता है, किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंध के निर्देश का असर बेअसर है। खासकर कोइरौना पुलिस क्षेत्र के गांवों में होने वाले विवाह आदि आयोजनों में बेझिझक धड़ल्ले से बज रहे डीजे, आर्केस्ट्राे आदि को बन्द कराने में पुलिस बिलकुल नाकाम दिख रही है।