संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया : राष्ट्र गौरव भारतीय वीरता के सिरमौर अनन्य देशभक्त महाराणा प्रताप की 478 वी जयंती अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वधान में बुधवार की देर शाम पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिंतामणिपुर के प्रांगण में मनाई गई। इस कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि प्रखर समाजसेवी एवं सेवानिवृत्त प्रवक्ता आत्मानंद सिंह ने महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाराणा प्रताप घांंस की रोटी खाई, लेकिन मुगलों के सामने झुकना पसंद नहीं किया। कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐसा नाम है जिसके लेने मात्र से मुगल सेना के पसीने छूट जाते थे, जिसकी वीरता की कहानी सदियों के बाद भी लोगों की जुबान पर है। कहा कि एक बार अकबर प्रस्ताव लेकर आया कि अगर तुम मेरे सामने झुक जाओगे तो आधा भारत तुम्हें दे दूंगा, लेकिन वे झुके नहीं।
इसी क्रम में उन्होंने उन घोड़े चेतक की वीरता और साहस का वर्णन करते हुए कहा कि जब राणा प्रताप युद्ध के मैदान में घायल हो गए तब चेतक युद्ध के मैदान में हाथी के मस्तक पर कूदा और उसके बाद 26 फुट का नाला पार कर गया। चेतक तो शहीद हो गया लेकिन महाराणा प्रताप की जान बच गई। वहीं दूसरे वक्ता के रूप में अजय सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप चलते थे, तो उनके पास दो तलवारें होती थी। एक अपने लिए और दूसरा अपने निहत्थे दुश्मन के लिए रखते थे।
उन्होंने बताया कि अकबर ने कहा था कि अगर महाराणा प्रताप और जयमल मेड़तिया मेरे साथ होते तो हम विश्व विजेता बन जाते। वहींं तीसरे वक्ता के रूप में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला महामंत्री मनीष शेखर सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐसे वीर योद्धा थे, जिनकी शौर्य की गाथा युगों-युगों तक याद की जाएगी। कहा कि हम अपने संगठन की तरफ से यह घोषणा करते हैं कि महाराणा प्रताप की एक प्रतिमा जल्द ही इस गांव में लगाई जाएगी।