नई दिल्ली : एससी-एसटी एक्ट को लेकर 6 सितम्बर को सवर्णों का भारत बंद देखने को मिला था, जिसका कई राज्यों में व्यापक असर हुआ था। वहीँ इस एक्ट को लेकर सवर्णों की नाराज़गी ने देश की सियासत में नए समीकरणों को जन्म दे दिया है। सवर्णों को अब तक बीजेपी का पारंपरिक वोटर माना जाता रहा है, लेकिन अब इनकी नाराज़गी ने विपक्ष को खुश होने का मौका दे दिया है। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एससी-एसटी एक्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने एक कहानी के जरिए अपनी बात रखते हुए कहा कि मान लीजिए कि अगर अगर मैंने अपने बेटे के हाथ में एक बड़ी चॉकलेट दे दी और मुझे बाद में लगा कि एक बार में इतनी बड़ी चॉकलेट खाना उसके लिए अच्छा नहीं होगा। अब आप बच्चे के हाथ से वह चॉकलेट जबरदस्ती लेना चाहें, तो आप इसे नहीं ले सकते। ऐसा किए जाने पर वह गुस्सा करेगा और रोएगा, लेकिन दो-तीन समझदार लोग बच्चे को समझा-बुझाकर उससे चॉकलेट ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कानून तो संसद को बनाना है, लेकिन सभी सांसदों को मिलकर एससी-एसटी एक्ट में किए गए बदलावों के बारे में सोचना चाहिए और विचार-विमर्श कर उचित वातावरण बनाने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि ये हम सबकी जिम्मेदारी है।
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