नई दिल्ली : मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन के खिलाफ भारत की तरफ से लागातार कार्यवाही की बात की जाती रही है, लेकिन अब तक दाऊद पर शिकंजा कसने में भारत विफल रहा है। केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद दाऊद पर शिकंजा कसने की कवायदें तेज़ की गई है, जिसमें अब भारत को सफलता मिलती नज़र आ रही है। दरअसल दाऊद पर शिकंजा कसने के लिए अब अमेरिका तैयार हो गया है।
दरअसल 1993 मुंबई के सीरियल बम धमाकों का मास्टरमाइंड और अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम और उसकी डी कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर अमेरिका राजी हो गया है। टू प्लस टू वार्ता के दौरान अमेरिका ने डी कंपनी, अल कायदा, आईएसआईएस, लश्कर ए ताइबा, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान और इनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में इन आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई के लिहाज से वर्ष 2017 में शुरू की गई द्विपक्षीय वार्ता का जिक्र किया गया है।
अमेरिका और भारत ने 2 प्लस 2 वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया है। इस बयान में दो बार पाकिस्तान का जिक्र है। पहले सीमापार से होने वाले आतंक के संदर्भ में और दूसरा मुंबई में हुए 26/11 हमलों के प्रकरण पर। इससे यह उम्मीद जगी है कि ट्रंप प्रशासन भारत के पड़ोसी देश पर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजनयिक दबाव बनाएगा।
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