भागलपुर : हर माता-पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा डॉक्टर और इंजीनियर बने, लेकिन लगातार बढ़ती प्रतियोगिता के जमाने में मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सफलता की गारंटी हर किसी के बस की बात नहीं है। तो आखिर मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सफलता की गारंटी के लिए छात्रों को कब और किस तरह से तैयारी करनी चाहिए ? ताकि वे छात्र पहले प्रयास में ही सफल हो सके। इसी विषय पर शनिवार को भागलपुर के अलीगंज स्थित करियर प्वाइंट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। करियर प्वाइंट भागलपुर के निदेशक डॉ. मधुरेंद्र कुमार, सेंटर हेड रविकांत घोष, मैथ के फैकल्टी सत्यप्रकाश, कैमेस्ट्री के फैकल्टी गौरव कुमार, फिजिक्स के फैकल्टी विवेक कुमार और बायोलॉजी के फैकल्टी चंद्रभूषण मणि ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए करियर प्वाइंट के निदेशक डॉ. मधुरेंद्र कुमार ने बताया कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सफलता अर्जित करने के लिए इसकी तैयारी 10वीं बोर्ड परीक्षा देने के तुरंत बाद कर देनी चाहिए। 10वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए और मेडिकल-इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी तुरंत शुरु कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तैयारी जितनी जल्द शुरु होगी, सफलता की गारंटी उतनी ही मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि अकसर बिहार में ये परिपाटी रही है कि अभिभावक 10वीं बोर्ड के बाद 11वीं में अपने बच्चे का एडमिशन काफी देर से कराते हैं, जिसका खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ता है।
11वीं में देर से एडमिशन कराने से छात्रों का बेशकीमती समय बर्बाद हो जाता है और बाद में बच्चे सिलेबस को पूरा नहीं कर पाते हैं, जिस कारण बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते है। नतीजा बच्चे असफल हो जाते हैं। 10वीं बोर्ड का रिजल्ट प्राय: मई के अंत में या जून के पहले सप्ताह में घोषित होता है। यदि बच्चे ये तय कर चुके हैं कि तैयारी मेडिकल की करनी है या इंजीनियरिंग की, तो रिजल्ट का इंतजार किए बिना 11वीं से ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुट जाना चाहिए। इससे बच्चों का सिलेबस पूरा हो जाता है और बाद में सिलेबस को रिवीजन करने का पर्याप्त समय भी मिल जाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए करियर प्वाइंट के निदेशक डॉ. मधुरेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि 23 अप्रैल से मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए नया बैच शुरू हो रहा है।
आईआईटी और नीट के साथ 12वीं बोर्ड की परीक्षा की तैयारी पर विशेष फोकस
करियर प्वाइंट भागलपुर के सेंटर हेड रविकांत घोष ने बताया कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए 11वीं और 12वीं के एनसीईआरटी के सिलेबस को ही मुख्य आधार माना जाता है। इसलिए एनसीईआरटी की सिलेबस को पूरी तरह से बच्चे जितना आत्मसात कर कॉन्सेप्ट को क्लियर करेंगे, उनका आधार उतना ही मजबूत होगा। करियर प्वाइंट के सभी फैकल्टी का इन्हीं बातों पर फोकस होता है और बच्चों को बेहतर तरीके से एनसीईआरटी के सिलेबस को काफी साइंटीफिक तरीके से पढ़ाई जाती है। 12वीं बोर्ड के लिहाज से भी एनसीईआरटी के बेसिक ही काफी महत्वपूर्ण होते हैं। बच्चे बोर्ड परीक्षा अच्छे तरीके से पास करे, इसके लिए करियर प्वाइंट सब्जेक्टिव और डिस्क्रीप्टिव टेस्ट भी लेता है। प्रत्येक महीने में दो बार सब्जेक्टिव और कॉप्टीटेटिव के लिए दो बार टेस्ट लिए जाते हैं।