सतेंद्र पाठक की रिपोर्ट :
बेतिया : पश्चिम चंपारण बेतिया स्थानीय होटल के सभागार में विटामिन डी की विषय पर डॉक्टरों द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में आईएमए मीडिया प्रभारी एवं हड्डी, जोड़ एवं नस विशेषज्ञ डॉक्टर उमेश कुमार को बुलाया गया था। सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सनस्क्रीन लोशन लगाना शरीर के लिए घातक साबित हो सकता है, क्योंकि सूर्य के प्रकाश में उपस्थित अल्ट्रावायलेट किरण आदमी के त्वचा में मौजूद रसायन को विटामिन डी में परिवर्तित करता है, जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। सनस्क्रीन लगाने से अल्ट्रावायलेट किरण त्वचा में पोषण नहीं पहुंचा पाती, जिससे विटामिन डी की कमी हो जाती है। उक्त बातें चिकित्सकों के द्वारा विटामिन डी की कमी विषय पर सभा को संबोधित करते हुए आईएमए मीडिया प्रभारी एवं शहर के जाने-माने हड्डी जोड़, रीड एवं नस विशेषज्ञ डॉक्टर उमेश कुमार ने कही।
इस सेमिनार के मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर उमेश कुमार को बुलाया गया था। उन्होंने विटामिन डी के हर एक पहलुओं पर सभा को संबोधित किया। उनके द्वारा बताया गया कि भारत के 90 प्रतिशत से ज्यादा आबादी में विटामिन डी की कमी पाई जाती है, मुख्यतः बच्चों, अधिक उम्र में, एवं गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी अधिक पाई जाती है। विटामिन डी की कमी के कारण-सनस्क्रीन लोशन लगाना, दूध एवं दूध का सेवन नहीं होने पर आदि कारण हो सकते हैं। विटामिन डी के कमी के लक्षणों में से बच्चों में प्रौढ़, कमर दर्द, जोड़ दर्द, थकान आदि कारण पाए जाते हैं। विटामिन डी की कमी के इलाज विटामिन डी की टिकिया का सेवन करना है, दूध एवं धूप का प्रतिदिन सेवन करना है आदि से बचा जा सकता है। विटामिन डी टेस्ट के लिए बताया कि खून की जांच से विटामिन डी की कमी को पूर्ण रूप से जाना जा सकता है।
सेमिनार के अवसर पर डॉक्टर सनी, डॉक्टर उपेंद्र, डॉक्टर विजय, डॉक्टर एस के दुबे, डॉक्टर रमेश चंद्र, डॉक्टर जावेद, डॉक्टर शौकत अली, डॉक्टर असद, डॉक्टर मोहनीस, डॉक्टर संदीप, डॉक्टर अमरनाथ, डॉक्टर वीरेंदर, डॉक्टर अंजनी सहित कई डॉक्टर उपस्थित रहे।