अनेश कुमार की रिपोर्ट :
एटा : आज दिनांक 23.11.2018 को समग्र विकास परिषद के बैनर तले किसानों की एटा सदर तहसील में समीक्षा बैठक प्रस्तावित थी, जिसकी भनक लगते ही जिला प्रशासन ने पुलिस लगाकर तहसील के गेट में ताले लगा दिए, ताकि किसान एकत्रित होकर जनसमस्याओं के प्रति निष्क्रिय अधिकारियों से जबाब सबाल न कर सकें। आपको अवगत कराना है कि 25 सूत्रीय मांगों के निस्तारण हेतु किसानों का चरण बध्द तरीके से आंदोलन चल रहा है, जिसमें किसान मसीहा चो0 महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती पर 06 अक्टूबर से 4 दिन रात तक चले धरने, 12 नवम्बर को चक्का जाम सहित आन्दोलनों में दिए जा रहे झूठे आस्वासन से किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है। जिसके चलते आज किसानों ने चरण बध्द आंदोलन में शासन – प्रशासन ने दिये आस्वाशनो की समीक्षा कर अग्रिम रणनीति तैयार करने को बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन जिला प्रशासन ने सरकार के इशारे पर किसानों को बैठक करने से रोकने का कार्य किया है।
अब किसान जनपद में बैठे जनता के प्रति निष्क्रिय अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करा जेल भेजने की मांग करेंगे और उक्त मांग पत्र को मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से मिलकर सौपेंगे। उसके पश्चात जनपद में महापंचायत का आयोजन कर अतिशीघ्र इसका जबाब दिया जाएगा। जनसमस्याओं के समाधान से पूर्व किसान किसी भी हालात में पीछे हटने को तैयार नहीं है। सरकार तय करे कि जनहित में कार्य करना है या पार्टी के चंद नेता और अधिकारियों को खुश रखना है। अगर सरकार को ये भृम है कि चन्द लोंगो को खुश कर हम आजीवन सत्ता में बने रहेंगे तो यह भृम देश के किसान, नोजवान आने वाले चुनाव में तोड़ने का काम करेंगे। साथ ही किसानों ने एलान किया कि सरकार की अग्रेजो जैसी हिटलर शाही किसी भी हालात में नही चलने देंगे।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से :- अखिल संघर्षी राष्ट्रीय अध्यक्ष, सुरेन्द्र शास्त्री राष्ट्रीय महासचिव, अरविन्द शाक्य प्रदेश महासचिव, कुलदीप प्रतिहार युवा प्रदेश अध्यक्ष, डॉ0 राजपाल वर्मा मण्डल उपाध्यक्ष, द्वारिका प्रशाद वर्मा (महात्मा), थान सिंह लोधी जिलाध्यक्ष, अबधेश यादव युवा जिलाध्यक्ष, प्रबेश यादव, विनय यादव, देव सिंह शाक्य, रवी, हर्षबर्धन सिंह, संजीव, सुनीता देवी सविता, लाडो देवी सहित आदि लोग उपस्थित रहे।