संतोष यादव की रिपोर्ट :
सुलतानपुर : अधिवक्ता ओंकार नाथ यादव हत्याकांड में वारदात के बीस दिन बाद भी खुलासा न होने पर वकीलों में आक्रोश दिखा। जिसके मद्देनजर वकीलों ने बैठक कर पुलिसिया कार्यशैली के खिलाफ जमकर निंदा की। वकीलों ने बुधवार को विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
मालूम हो कि चांदा थाना क्षेत्र के इंदौली गांव निवासी अधिवक्ता ओंकार नाथ यादव की बीते 19 अप्रैल को दिनदहाड़े गोलीमारकर हत्या कर दी गयी। अधिवक्ता के परिजनों ने मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करायी है। घटना को हुए बीस दिन बीत चुके है, लेकिन पुलिस अभीतक किसी भी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है। जबकि वारदात के बाद वकीलों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने जल्द ही मामले का खुलासा कर दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने का आश्वासन दिया था, लेकिन पुलिस का दावा खोखला साबित हो रहा है।
वकील समुदाय ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस को पर्याप्त समय भी दिया था, लेकिन जब वकीलों का धैर्य टूटता नजर आया तो मंगलवार के लिए कलेक्ट्रेट में बैठक बुलायी गयी। बैठक में अधिवक्ता महेन्द्र प्रसाद शर्मा, अशोक कुमार पाठक, समेत अन्य ने पुलिसिया कार्यशैली की जमकर निंदा की और जल्द ही खुलासा न होने पर आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है। बैठक में अमेठी व सुलतानपुर जिले के सभी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल रहें।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र बहादुर सिंह व महासचिव बद्री प्रसाद पांडेय ने बुधवार को अधिवक्ता की हत्या के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। वकीलों ने आगामी 14 मई तक मामले का खुलासा न होने पर संघर्ष समिति की सदस्यों के संग बैठक कर आगे की रणनीति तय करने की बात कही है। वहीं सूत्रों की माने तो मामले की जांच कर रहे पुुलिस कर्मी अधिवक्ता की हत्या का खुलासा निष्पक्ष ढंग से करने के नाम पर सदिग्ध लोगों को उठाकर अवैध वसूली कर रहें है। नतीजतन पुलिस मामले की तह तक जाने के बजाय अभी अपने जुगाड़ में ही जुटी दिख रही है।