सोनभद्र : एनटीपीसी व अन्य औद्योगिक संस्थानों में किसी भी प्रकार की आपदा और आपातकालीन स्थित से निपटने के लिए प्लांट के सुरक्षा कर्मचारियों का निपुण होना अत्यंत आवश्यक है। अतः वाराणसी स्थित एनडीआरएफ ने इन प्लांट की सुरक्षा और आपदा जोखिम में बेहतर राहत व बचाव कार्य करने के लिए और ऐसी आपातकालीन से निपटने के लिए एक साझा मौक ड्रिल का आयोजन किया। यह मौक ड्रिल 25.04.18 को सिंगरौली की विंध्यानगर एनटीपीसी में आयोजित की गयी, जिसमें केमिकल लीकेज को रोकने और आग पर काबू पाने का प्रदर्शन किया गया।
स्वराज कमल, असिस्टेंट कमांडेंट 11 एनडीआरएफ के नेतृत्व में 34 सदस्यीय विशेष रासायनिक और जैविक आपदाओं में राहत बचाव में दक्ष एनडीआरएफ टीम ने मौक ड्रिल में भाग लिया। अभ्यास के दौरान एनडीआरएफ टीम ने क्लोरीन गैस के रिसाव को सील किया और साथ ही मलबे में फसे कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार के बाद नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही भड़की हुयी आग पर भी सीआईएसएफ की फायर विंग द्वारा काबू पाया गया।
ऐसी अपदओं मे पीडित व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को भी आसानी से दूषित कर सकता है अतः 11 एनडीआरएफ की टीम ने केमिकल आपदा से ग्रसित लोगों को संदूषण को भी एक प्रदर्शन के मध्यम से प्रदर्शित किया। रासायनिक प्रभाव से ग्रसित घायलों को एनडीआरएफ ने विशेष डीकंटैमिनेशन स्टेशन बनाकर लोगों को रासयनिक प्रभाव से मुक्त किया और प्रभावित क्षेत्र का भी शुद्धिकरण किया।
इस मौक ड्रिल में प्लांट प्रबंधक, एनटीपीसी के राहत बचावकर्मी, सीआईएसएफ की फायर विंग, जिला चिकित्सा टीम, एम्बुलेंस 108, पुलिस व अन्य एजेंसियों सहित 134 लोगों ने इस मौक ड्रिल में भाग लिया। इस दौरान प्रबंधक एनटीपीसी ने कहा की एनडीआरएफ द्वारा प्रदर्शित इस प्रकार के अभ्यास से एनटीपीसी व अन्य कर्मचारियों को अत्यंत लाभ होगा और ऐसी आपदाओं से हम सब मिलकर निपट सकेंगे और जान-माल के नुक्सान को कम करने में सक्षम होंगे। मैं एनडीआरएफ और उनकी टीम का आभार प्रकट करता हूँ की उन्होंने यहाँ आकर आपदा प्रबंधन के ज्ञान व राहत बचाव की विशेष तकनीकों को हमारे साथ साझा किया।