नई दिल्ली : रोज़गार के मोर्चे पर आलोचनों का सामना कर रही मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है। रोज़गार उपलब्ध कराने को लेकर जो रिपोर्ट सामने आये हैं, उसने एक बार फिर मोदी सरकार के विरोधियों की बोलती बंद कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2018 में 7.32 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ।
यह आंकड़ा एक साल पहले इसी माह के मुकाबले 48 प्रतिशत अधिक है। पिछले 15 माह में नवंबर के दौरान सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक एक साल पहले नवंबर में 4.93 लाख लोगों को ही रोजगार मिला था।
इससे यह संकेत मिलता है कि देश के संगठित क्षेत्र में इतने लोगों को रोजगार मिला है। दरअसल, वेतनभोगी लोगों का ईपीएफ जमा करने के लिए उनका नाम ईपीएफओ रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इस रजिस्टर में दर्ज होने वाले नए नाम से किसी खास अवधि में रोजगार पाने वाले लोगों का संकेत मिलता है। ईपीएफओ ने हालांकि यह कहा है कि आंकड़े अस्थायी हैं और इन्हें अद्यतन करने का काम लगातार चलता रहता है। आने वाले महीनों में इन आंकड़ों को अद्यतन किया जाएगा।
संगठन ने कहा है कि अलग अलग आयु वर्ग में ईपीएफओ में दर्ज होने के जो आंकड़े जारी किए गए हैं वह नए दर्ज होने वाले नाम, बाहन निकले और पुन: ईपीएफ में आने वाले नामों के समायोजन के निवल आंकडे हैं। इनमें अस्थाई कर्मचारी भी हो सकते हैं जिनका भविष्य निधि में अंशदान हो सकता है पूरे साल जारी नहीं रहता हो।
हालांकि, ईपीएफओ ने अक्टूबर 2018 के रोजगार आंकड़ों को संशोधित कर 6.66 लाख किया है। इससे पहले यह आंकड़ा 8.27 लाख बताया गया था। संगठन ने सितंबर 2017 से लेकर अक्टूबर 2018 के दौरान ईपीएफ में दर्ज होने वाले कुल आंकड़ों को भी पहले के 79.16 लाख से संशोधित कर 66.18 लाख किया है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च में ईपीएफओ की भविष्य निधि योजना में सबसे कम 55,831 नए नाम दर्ज हुए। ईपीएफओ आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2018 में सबसे जयादा 2.18 लाख रोजगार 18 से 21 आयु वर्ग में दिए गए। इसके बाद 2.03 लाख रोजगार 22 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में मिले हैं।