संतोष कुमार शर्मा
बलिया : पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत एडीजी वाराणसी जोन पीवी रामाशास्त्री ने बुधवार को रसड़ा कोतवाली का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बैरक, मेस, अभिलेखों के रखरखाव, एफआईआर की प्रगति, मामलों का निस्तारण, सीसी कैमरों की स्थिति, शस्त्रागार, रिकार्ड रूम आदि का गहनता से निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिये। उनके आगमन पर सर्वप्रथम उन्हें गार्ड आफ आनर की सलामी दी गयी। हालांकि उनके आने की पूर्व सूचना थी बावजूद महकमे के अधिकारियों में अफरा-तफरी की स्थिति कायम रही।
उन्होंने अपने निरीक्षण के उपरान्त पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि यहां सबकुछ ठीक ठाक पाया गया, बावजूद यहां बैरक व अन्य सुविधाओं की कमी देखी गयी, जिसे पूरा करने के लिये प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इन दिनों समाज में बढ़ते बलात्कार एवमं अन्य अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस व कानून सख्ती से काम कर रहा है। परन्तु अपराधों के मुकम्मल खात्में के लिये आम आदमी और पुलिस को विचार को सांझा कर रोकथाम की दिशा में काम करना होगा। क्योंकि जबतक लोक संचेतना, जन सहयोग एवं वैचारिक परिवर्तन का वातावरण उत्पन्न नहीं होगा अपराधों का शत प्रतिशत खात्मा नहीं हो सकता। उन्होंने लोगों से पुलिस को जन सहयोग देने की अपील की।
इस मौके पर उन्होंने चौकीदार संघ के प्रदेश प्रभारी शारदानंद पासवान के साथ चौकीदारों की समस्याओं को भी सुना। निरीक्षण के मध्य में उस समय स्थिति अजीबो-गरीब हो गयी जब एक फरियादी ने अपने पांच वर्ष पूर्व अपहरण की गयी भतीजी को बरामद न किये जाने की गुहार लगाते हुए थानाक्षेत्र के कोप गांव निवासी कमालुद्दीन ने एडीजी का पैर ही पकड़ लिया और जोर-जोर से रोने लगा, जिसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदारी देते हुए निस्तारण करने का निर्देश दिया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ अवधेश चौधरी, प्रभारी निरीक्षक जगदीशचंद्र यादव, एसआई श्रीराम सिंह, पटेल आदि पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।