संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया : जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने बताया कि राजकीय सेवाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना शासन की प्राथमिकता है। लोक सेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की जांच/ विवेचना करने तथा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के लिए भ्रष्टाचार निवारण संगठन की स्थापना 1977 में की गई थी। शासन, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश ,सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा जिलाधिकारी अपने- अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अराजपत्रित अधिकारियों/ कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के प्रकरण की जांच हेतु भ्रष्टाचार निवारण संगठन को संदर्भित कर सकते हैं।
शासन द्वारा भ्रष्टाचार निवारण संगठन को भ्रष्टाचार में लिप्त अराजपत्रित अधिकारियों /कर्मचारियों की सूचना एकत्र करके निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ऐसे लोगों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए ट्रैप करने हेतु अधिकृत किया गया है और इस सन्दर्भ में निर्गत शासनादेश दिनांक 25-11-88 के द्वारा ट्रैप आयोजित करने हेतु प्रभारी ट्रैप टीम द्वारा लिखित रूप से मांग किये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा दो राजकीय लोक सेवक गवाह के रूप में उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है।
जिलाधिकारी ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन वाराणसी के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत जनपद वाराणसी चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर ,संत रविदास नगर व बलिया आते हैं। वाराणसी इकाई के प्रभारी पुलिस अधीक्षक का मोबाइल नंबर 9454400431, वाराणसी इकाई के प्रभारी का मोबाइल नंबर 9454401901 है तथा संगठन मुख्यालय पर स्थापित नियन्त्रक कक्ष का सीयूजी मोबाइल नम्बर 9454402484 है, जिस पर ऐसे भ्रष्ट लोक सेवकों की सूचना दी जा सकती है, जिनके द्वारा रिश्वत की मांग की जाती हो।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी लोक सेवक द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने पर संबंधित शिकायतकर्ता को इसकी सूचना उपरोक्त नंबर पर देकर आरोपित कर्मी के विरुद्ध ट्रैप आयोजित कराने की कार्यवाही करें। भ्रष्ट आचरण, पद के दुरुपयोग से अर्जित आय से अधिक संपत्ति की जांच हेतु प्रकरण भी भ्रष्टाचार निवारण संगठन को संदर्भित करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने कार्यालय एवं अपने अधीनस्थ कार्यालयों -जनपद स्तरीय,त हसील स्तरीय व ब्लाक स्तरीय कार्यालयों के बाहर 2-3 फिट के बोर्ड पर सूचना-पट्ट लगाते हुए 3 दिन के अंदर अवगत कराएं।