नुरुल होदा की रिपोर्ट :
मऊ : मधुबन तहसील परिसर में मंगलवार को जनता क्रांति पार्टी के तत्वाधान में जनसभा एवं धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। साथ ही राज्यपाल के नाम अपना पांच सूत्रीय मांगपत्र, जिसमें तीन चौहान परिवारों की हत्या और उनकी गिरफ्तारी तथा मृतक के परिजनों को बीस बीस लाख मुआवजा देने सम्बन्धी मांगे शामिल थी। उप-जिलाधिकारी निरंकार सिंह को सौंप कर अविलम्ब कार्यवाई की मांग की गई। मांगे पूरी नही होने पर जनपद व देशव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनता क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक शिवशंकर चौहान थे।
सभा को सम्बोधित करते हुए चौहान ने कहा कि जिले एवं प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। हत्यारे बेखौफ घटनाओं को अंजाम दे रहे है। अपराधी और दलाल प्रवृति के लोग थाना चला रहे है। यही कारण है कि मधुबन क्षेत्र में एक ही दिन दो-दो हत्याएं होती है और थानेदार लीपापोती करके असली मुल्जिम तक पहुंचे बिना उसे आत्महत्या करार देता है।चाहे वह मामला मधुबन के परशुरामपुर में पिंकी चौहान का हो या फिर महुआनी निवासी राम मिलन चौहान की मौत। घटना के एक माह बीत जाने के बाद भी आज तक कोई मुल्जिम नही पकड़े गए, जबकि दो मामलों का स्वरुप हत्या जैसा है।
चौहान ने अविलम्ब हत्या का खुलासा करने, मृतकों की हत्या की उच्च स्तरीय जांच कराने तथा मृतक के परिजनों को बीस-बीस लाख रुपये आर्थिक सहायता व एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी के अलावा उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित कराये जाने की मांग शासन-प्रशासन से किया। पार्टी उपाध्यक्ष सन्तोष सिंह चौहान ने कहा कि सरकार को नौजवानों की चिंता नही है। नौजवान बेरोजगार होकर घूम रहे है, लेकिन सरकार के नुमाईंदे भ्रष्टाचार में लिप्त है। थानों, तहसीलों, ब्लाक में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। आवास, हैण्डपम्प, शौचालय, पोखरी खुदाई के नाम पर प्रदेश को लूटा जा रहा है। मनरेगा में दस मजदूर कार्य करते हैं, बीस की हाजिरी लगती हैं, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
राजबंशी चौहान ने कहा कि देश एवं प्रदेश की सरकार हर मुद्दों पर फेल नजर आ रही हैं। पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकार चुप है। कहा कि जब तक हमारा समाज एकजुट नही होगा तब तक हमारा विकास सम्भव नही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरीलाल चौहान और संचालन भूपेंद्र गोंड ने किया। कमलेश चौहान, प्रदीप, दीपक, ओमप्रकाश, सुभाष, जनक, संत कुमार, जयप्रकाश सिंह, रामबदन, विनोद यशवंत, धीरज भगत सिंह चौहान आदि शामिल थे।