सतेंद्र पाठक की रिपोर्ट :
बेतिया : प0 चंपारण जिला में कई ऐसे भी जगह जो शहर के गलियारें में बाजार में आपको दिख जायेंगे। जहाँ 1 नम्बरी, 2 नम्बरी एवं 3 नम्बरी धड़ले से बेचीं जा रही होगी। करोडो का धंधा फल फूल रहा है। आखिर आप भी सोच रहे होंगे ये कौन सी 1, 2 एवं 3 नम्बरी है जो प्रशासन के नाक के नीचे करोडो रुपया का इनकम है।
जिस प्रकार सरकार ने शराब बन्दी कर लाखो घरो को बर्बाद होने से बचा लिया है। वैसे ही सरकार को इस 1, 2 एवं 3 नम्बरी लॉटरी के धंधे को भी पूर्ण रूप से बन्द कराने होंगे। जी हाँ, जिले के शहर में कई ऐसे चौक है जहाँ 1, 2 एवं 3 नम्बरी लॉटरी का धंधा प्रशासन के नाक के निचे चल रहा है। हालांकि यह धंधा कई सफेद पोस कालर वाले के नीचे फलता-फूलता रहता है, जिसमें शराब के तरह ही लॉटरी खेलने वाले के परिवार के आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता दिख रहा है।
सूत्रानुसार बताते है कि ऐसा नही की जितने खेलते हैं, उनको फायदा होता है। कई इस चक्कर में बर्बाद हो चुके है। सरकार एवं जिला प्रशासन भी इनपर लगाम लगाने में सक्षम नही दिख रहा। पूर्व में सरकार द्वारा लॉटरी पर भी प्रतिबन्द लगाया गया था, लेकिन कारगर साबित नही हो पाया है। आज यह ब्लैक मनी की तरह छोटे शहर को खोखला कर रहा है।
इस लॉटरी में कई बिगड़े छात्र भी अपनी भाग्य आजमा रहे है, जिसके कारण उनका भी भविष्य खराब होता नजर आ रहा है। बेतिया शहर के बस स्टैंड, बुलाकी सिंह चौक, मीना बाजार, हरिवटिका चौक, सागर पोखरा चौक, बड़ा रमना, चिक पट्टी, आदि कई जगह पर प्रशासन के नाक के नीचे यह ब्लैक लॉटरी का धंधा फल फूल रहा है।
लॉटरी बेचने वाले को ग्राहक पहचानते है तभी लॉटरी देते है। सुबह और शाम अपना नम्बर मिलाने वाले का मजमा लगा रहता है। यह एक ऐसा धंधा है जो छोटे शहर के कई घरो को खोखला कर रहा है। कइयो की जिंदगी बर्बाद होती नजर आ रही है। अगर सरकार एवं जिला प्रशासन इन लॉटरी पर भी सरकार के शराब बन्दी की तरह रोक नही लगाई तो आने वाले समय में बिहार के कई जिला इस लाटरी के धंधे से बिहार का रुपया बिहार से बाहर दूसरे राज्य चला जायेगा। कई घर भी बर्बाद हो जायेगी। हालांकि की लॉटरी बेचने वाले को प्रशासन के लिए पकड़ना थोडा कठिन लग रहा है लेकिन असम्भव नही है। अगर प्रशासन जल्द कोइ ठोस कदम नही अपनाती तो शहर के कई घर बर्बाद हो सकते है।