नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुए जीएसटी कौंसिल की 31वीं बैठक में आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए 33 वस्तुओं को 18 फीसदी स्लैब से 12 व 5 फीसदी के स्लैब में लाया गया है। 33 वस्तुओं को 18 फीसदी स्लैब से 12 व 5 फीसदी के स्लैब में लाये जाने से इन वस्तुओं की कीमतों में गिरावट होगी, जिसका लाभ आम आदमी को मिलेगा।
वहीँ बैठक में 34 उत्पादों को छोड़कर बाकी सभी को 18 या उससे कम जीएसटी दर में रखा गया है। पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने बैठक के बाद कहा कि इससे आम आदमियों को बड़ी राहत मिलेगी। नारायणसामी ने बताया कि कांग्रेस की असली मांग यह थी कि लग्जरी सामान को छोड़कर अन्य सभी उत्पादों को 18 फीसद की दर पर लाया जाना चाहिए और सरकार इससे सहमत भी है। सिर्फ 34 उत्पादों को छोड़कर बाकी सभी को 18 या उससे कम जीएसटी दर में रखा गया है।
लग्जरी वस्तुओं और तंबाकू-सिगरेट को छोड़कर रोजमर्रा की सभी वस्तुओं को 18 फीसदी या उससे भी कम जीएसटी के दायरे में लाया गया है। रोजमर्रा की इन वस्तुओं में कंप्यूटर मॉनिटर, पावर बैंक, यूपीएस, टायर, एसी, डिजिटल कैमरा, वॉशिंग मशीन और पानी गर्म करने वाला हीटर शामिल है।
सीमेंट को 18 फीसदी के दायरे में लाया गया है। दरअसल सीमेंट पर 28 प्रतिशत की दर होने से कालाबाजारी में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में दरों के कम करने से फर्क पड़ेगा और बिक्री का आंकड़ा बढ़ने से राजस्व समान रहने की उम्मीद सरकार को है। सूत्र बताते हैं कि सीमेंट की कालाबाजारी से सरकार को करीब 7 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होता था।