संतोष मिश्र की रिपोर्ट :
बहराइच : उत्तर प्रदेश में देवी पाटन मंडल के बहराइच जिले में स्थित गंगा जमुनी तहजीब के प्रतीक सैय्यद सालार मसऊद गाज़ी की दरगाह पर चल रहे 1037 वे सालाना उर्स में बाबा की गोण्डा से निकली बारात में हजारों जायरीन ढोल मजीरा के संग लाहबड लेकर आज पैदल दरगाह पहुंचे। ये जानकारी देते हुये करीब 150 वर्षों से गाज़ी की शहादत की याद में लाहबड़ बनाने वाले परिवार के जायरीन रमजान अली गुफरान ने बताया कि रविवार को बहराइच की दरगाह में गाज़ी बाबा का हर साल की तरह प्रतीकात्मक शादी समारोह है l
शादी में शरीक होने के लिये गोण्डा , फैजाबाद , रुदौली , बाराबंकी , बलरामपुर , श्रावस्ती , सुल्तानपुर व अन्य दूर दराज से आने वाले हजारों जायरीन जगह जगह रास्ते में शहरों के मध्य गुदाडा मेला लगाते हुये गाज़ी सरकार की मदद के गगनभेदी नारों के साथ पैदल बहराइच तक बारात ले जायी गयी है l लाहबड़ को कई स्थानों पर मुस्लिम व हिन्दू समुदाय की महिलायें व पुरुष बड़ी अकीदत और शिद्दत के साथ सीन्नी चढ़ाकर मनौती मानते है l गोण्डा नगर के मध्य गुड्डुमल चौराहे पर लगे गुदाडा मेले में हजारों जायरीन एकत्र हुये और पूरी रात मेला चलता है l
इस अवसर पर रमजान अली का बनाया हुआ बारह मीटर लम्बा लाहबड मुख्य आकर्षण का केंद्र रहाl इस निशान में अजमेर शरीफ , देवा शरीफ , कर्बला शरीफ , काबा मदीना शरीफ , दरगाह शरीफ और बुर्राक के बड़े बड़े चित्र बनाये गये है l मेले में अकीदतमन्दो ने डफालियो और मुजावरो की ढोलक व ढपली पर कव्वालियों , गीतों का खूब लुफ्त उठाया l अधिकांश जायरीन गोण्डा -बहराइच रेल लाइन अभी तक शुरू न किये जाने से सरकार से खफा दिखे l इस अवसर पर पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था रही।