तौक़ीर रज़ा की रिपोर्ट :
कटिहार : जनपद कटिहार में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध का आलम ये है कि अब विद्यालयों में भी छात्राएं सुरक्षित नहीं है। जी हां आपने सही सुना। केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की स्थापना की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन यहां रहने वाली छात्राएं असुरक्षित है। रात्रि प्रहरी भी नहीं रहता है, एक पूर्णकालिक शिक्षिका जो कि विकलांग है, के सहारे कैसे छात्राओं को छोड़ दिया जाता है? इन नौनिहालों की रक्षा किसके हाथ है ? यह विचारनीय मामला है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय और गरीबी रेखा से नीचे के शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में रहने वाली लड़कियों को बेहतर माहौल में शैक्षणिक सुविधा को प्रदान करने के लिए इस आवासीय विद्यालय को मूर्त रुप दिया गया था। लेकिन यहां रहने वाली छात्राएं भी अपने आप को असहज महसूस कर रही है।
आइए आपको ले चलते हैं बिहार के कटिहार जिले के फलका प्रखंड जहां कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पोठिया में एक छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने का मामला प्रकाश में आया है, घटना 13सितंबर की है। घटना की जानकारी पत्रकारों को न देने के लिए बालिकाओं को धमकाया भी गया और जब बालिका विद्यालय से बाहर आई तो फफक कर रो पड़ी। और बताने लगी विद्यालय परिसर के अंदर की खामियां कि किस तरह उन्हें वार्डन द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। शौचालय छात्राओं से ही साफ करवाया जाता है और झाड़ू भी इन्हीं छात्राओं को लगानी पड़ती है और तो और किसके सहारे यह बच्चा यहां रहेंगे ना तो वार्डन रहती है और ना ही रात्रि प्रहरी। जिसके कारण पिछले दिनों 13सितम्बर गुरुवार की रात्रि एक अनहोनी होने से बच गई, अगर बालिका नहीं चिल्लाती तो शायद उनकी अस्मत बच पाना मुश्किल था।
छात्रा सोनी (काल्पनिक नाम) ने बताया कि मैं सोई हुई थी। करीब 1:00 बजे रात्रि में दो अज्ञात लड़के मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे। मैं चिल्लाई तो अन्य सहपाठी भी जाग गए तो देखा कि दो लड़के दीवार फांदकर भाग रहे हैं। मैं यहां नहीं रहना चाहती हूं। यहां कभी भी किसी के साथ अनहोनी घटना हो सकती है। मनचले लड़कों का जमावड़ा बगल के फील्ड में रहता है।