जिन जिन गावो से होकर गुजरा रमेश यादव का पार्थिव शरीर उस उस गांव के लोग रोए
आशीष गौरव पाण्डेय की रिपोर्ट
वाराणसी पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए बनारस के लाल सीआरपीएफ के जवान शहीद रमेश यादव की अंतिम यात्रा में देशभक्ति का जज्बा लिए हज़ारों नौजवान भारत माता की जय जय व रमेश यादव जिन्दाबाद के नारे लगाते रहे।
नम आँखों से दी विदाई गुरूवार को शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान रमेश यादव का पार्थिव शरीर बलुआ तट पर पंचतत्व में वीलीन हो गया पर अपने पीछे छोड़ गया कई सारे सवाल और कई सारे जवाब। पिता श्याम नारायण ने दुखी मन से पुत्र को अग्नि तो दे दी पर दिल में कहीं न कहीं इस बात का मलाल सलाता रहा कि मेरा बेटा जा रहा है। कभी गुमसुम तो कभी छल छल कर छलक जा रही आंखों से अपलक अपने बेटे को निहारते श्याम नारायण ने दुखी मन से पुत्र को मुखाग्नि दी और इधर फिजा में गूँज उठा वन्देमातरम और भारत माता का जयघोष।
बाक्स को लिपट के रोए पिता शनिवार की सुबह जब शहीद का शव उसके पैतृक गांव तोफापुर पहुंचा तो कोहराम मच गया। मौके पर मौजूद राज्य मंत्री अनिल राजभर ने किसी तरह बूढ़े बाप को सहारा दिया जिसकी सूख चुकी आँख में अपने बेटे की लाश देख चमक लौट आई थी साथ ही आंसू भी। बार -बार संदूक में बंद शव को खोलने की जिद कर रहे पिता को मौके पर पहुंचे केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा ने समझाया।
मासूम भी पिता को देख बिलख उठा उसके बाद शुरू हुई वीर सपूत की अंतिम यात्रा जो ढाई घंटे से भी ज्यादा का समय लेकर बलुआ घाट पहुंची। बलुआ घाट पर अपने इस शहीद के अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ा था। चारों तरफ सिर्फ तिरंगा दिखाई दे रहा था। घात किनारे जब शव रखा गया तो सबसे पहले परिजनों ने श्रद्धांजलि दी। बूढ़े बाप ने चुनरी उधाई तो डेढ़ साल का मासूम पिता को लकड़ी के बाक्स में बंद देख बिलख पड़ा।
इन्होने दी श्रद्धांजलि बलुआ के शमशान घाट पर केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा, केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी, राज्य मंत्री अनिल राजभर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पाण्डेय, एडीजी पीवी रामशास्त्री, कार्यवाहक डीएम, सीडीओ गौरांग राठी, कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, पूर्व कांग्रेस विधायक अजय राय, भाजपा के काशी प्रान्त अध्यक्ष महेश चन्द्र श्रीवास्तव, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा पवन चौबे जिला उपाध्यक्ष प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
सीआरपीएफ के जवानों ने अपने साथी को पूरे सैनिक सम्मान के साथ शास्त्र सलामी दी और जवानों ने तिरंगे में लिपटे अपने मित्र के शरीर से तिरंगा उतारकर पिता श्याम नारायण को सौंपा। श्याम नारायण ने जैसे ही अपने शहीद पुत्र को मुखाग्नि दी गंगा तट पर रमेश यादव अमर रहे के जयकारों से गूँज उठा।