राकेश मौर्या की रिपोर्ट :
बहराइच : घाघरा का जलस्तर बढ़ने से डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। जिनके घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है, उनका जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ से आवागमन में भारी दिक्कतें हो रही हैं। घरों में पानी भरने से भोजन की समस्या उनके सामने खड़ी हो गई है। लोग चारपाई पर या तो तख्त पर किसी तरीके से घर में बैठे हुए हैं। बाहर निकलने पर कमर भर तक पानी को लांघकर कर रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के लिए किसी तरीके से तटबंध पर पहुंच रहे हैं।
बाढ़ का पानी आ जाने से निचले इलाके पूरी तरीके से टापू बन गए हैं, जबकि सरयू ड्रेनेज खंड द्वारा घूर देवी स्पर पर लगाया गया जल मापक यंत्र हमेशा खतरे के निशान से नीचे ही बता रहा है। लगाया गया जल मापक यंत्र घाघरा नदी जल स्तर से ऊपर लगा हुआ है। ऐसे में सही मापक ना दे पाने से पानी का सही माप नहीं मिल रहा है, जबकि डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए दुश्वारियां बनी हुई है।
बैराजों से घाघरा नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इसके चलते मांझा दरिया बुर्द मेला पुरवा अहिरन पुरवा चुराई पुरवा पिपरिया जोगा पुरवा प्रधान पुरवा कायमपुर धर्मापुर जुगला पुरवा तारापुरपुरवा शुक्ला पुरवा चुन्नीलाल पुरवा पहलादपुरवा छतरपुरवा पिपरा पिपरी आदी गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। मंगलवार को घूर देवी स्टेटस पर पर नदी का जलस्तर 112 .150 के सापेक्ष 111 .810 मापा गया, जो खतरे के निशान से 34 सेंटीमीटर अभी भी नीचे बह रही है।