राम धीरज यादव की रिपोर्ट :
बाराबंकी : ब्लॉक हैदरगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत के सचिवों द्वारा मनमाने रूप से मुख्यमंत्री आवास के पात्र लाभार्थियों की सूची बनाई गई जिसमें पात्र लाभार्थियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिसके चलते मुख्यमंत्री आवास योजना में पात्र लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल पाएगा। जबकि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी, जिसमें सभी ग्राम पंचायतों से पात्रता सूची से छूटे हुए गरीबों का नाम दर्ज कर आवास देने का आदेश किया गया था। जिस पर अक्टूबर माह की तारीख निश्चित की गई थी अक्टूबर माह बीत जाने के बाद भी अभी तक पात्र लाभार्थियों को मुख्यमंत्री आवास की सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है। जिसको देखते हुए शासन ने तिथि बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया है अब सख्त निर्देश है कि निर्धारित तिथि पर ग्राम सचिव गांव का भ्रमण कर छूटे पात्रों और सूची में शामिल कर आवास पर फीड कर दे। इसके बाद भी यदि किसी भी ग्राम पंचायत ने गरीबों का नाम छूटा तो उसके जिम्मेदार ग्राम पंचायत के सचिव ही होंगे ऐसा फरमान परियोजना निदेशक बाराबंकी ग्राम में विकास अभिकरण हरि चरण सिंह ने जारी किया है।
पीडी बाराबंकी के अनुसार सामाजिक एवं जातिगत वर्ष 2011 की जनगणना की पात्रता सूची में जीन गरीबों के नाम छूट गए हैं उन्हें राज्य सरकार राहत देने जा रही है या सरकार से विकसित आवास गरीबों के नाम अपलोड करना शुरू कर दिया गया है। सर्वे के दौरान आवास से वंचित 65664 गरीबों को मुख्यमंत्री आवास मिलेगा। आवास ₹120000 में निर्मित कराया जाएगा साथ ही 90 दिन की मजदूरी और 12000 का मनरेगा से शौचालय लाभार्थी को मिलेगा। इन सब के बावजूद विकासखंड हैदरगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव अपनी मनमानी पर उतारू है।
आपको बता दें कि ग्राम पंचायतों में आवास के पात्र लाभार्थियों को पात्रता सूची में ही नहीं शामिल किया गया जिसके चलते एक बार फिर मुख्यमंत्री आवास से पात्र लाभार्थी वंचित रह सकते हैं हैदरगढ़ ग्राम पंचायत के अंतर्गत बम्हरौली आईमा में नारायण पुत्र रामनाथ शिव नारायण पुत्र रामनाथ सहित आधा दर्जन तो चिरैया में आधा दर्जन सराय गोपी में शुकुलपुर में 3 कुड़वा में 5 ओहरा मऊ मे 7 जमीन हुसैनाबाद में 7 मरूई मे 3 कोलवा में चार शहरी इस्लाम पुर कमेला सहित एक दर्जन ग्राम पंचायतों में आवास के पात्र लाभार्थियों को आवास की सूची में ही नहीं सम्मिलित किया गया है।
आपको बता दें कि पंचायत सचिव ने उन्हीं लोगों का नाम आवास की सूची में शामिल किया है जिन लोगों ने मुंह मांगी रकम दी है। अपात्रों को भी सीएम आवास की सूची में शामिल किया गया है, जिससे मुख्यमंत्री आवास का सपना गरीबों के लिए सपना ही देखा जा सकता है। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद गरीब झोपड़ी में गुजर-बसर करने वाले परिवारों को आवास के लाभ से वंचित किया जा रहा है। जबकि इस पात्र और अपात्र के खेल को खंड विकास अधिकारी एडीओ पंचायत आदि भी अच्छे ढंग से जानते हैं। जान बूझकर पात्रों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस प्रकरण में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है तो वह अपना गैर जिम्मेदाराना बयान देते रहते हैं।