जे.पी. यादव की रिपोर्ट
जौनपुर। समाजवादी पार्टी के नेता कृष्ण कुमार यादव वर्तमान में मियांपुर वार्ड से सभासद हैं उन्होंने स्वच्छता अभियान के तहत यहा के लोगों को साथ स्वच्छता और पौधारोपण की मुहिम चलाई. साफ-सफाई की कराया वहीं बाद में वार्ड के विभिन्न हिस्सों में पौधारोपण किया। वही कृष्ण कुमार कहते हैं कि वार्ड में रहने वाले लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं तो उपलब्ध कराने के साथ वातावरण भी स्वच्छ बनाया जा रहा है। सरकार की ओर से तो यहा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में वे अपने स्तर पर वार्ड को सुविधाएं दिलाने की कवायद में जुटे हैं।
ज्ञात हो कि स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा प्रोत्साहन समिति द्वारा गत दिनों जनपद स्तरीय नगरपालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के वार्ड की साफ-सफाई का निरीक्षण किये जाने पर शासन की मंशा के अनुसार जिन वार्डों में बेहतर साफ-सफाई हुई है, उन्हें पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह् दिये जाने के लिए आज पूर्वान्ह कलेक्ट्रेट स्थिति प्रेक्षागृह में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस सम्मान समारोह की अध्यक्षता जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने किया। इस समारोह में मुख्य अतिथि गिरीशचन्द्र यादव राज्य मंत्री नगर विकास, आवास एवं पुनर्वास एवं सहायता उ0प्र0 लखनऊ एवं विशिष्ट अतिथि रामआसरे सिंह अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व जौनपुर ने प्रतिभाग किया। समाजवादी पार्टी के नेता श्री कृष्ण कुमार यादव वर्तमान में मियांपुर वार्ड से सभासद हैं जो प्रथम पुरस्कार के रूप में चयनित है को तथा ओलन्दगंज वार्ड के मान्य सभासद रेनू पाठक को स्मृति चिन्ह देकर तथा पूर्व नामित सभासद विमला सिंह तथा चाचकपुर वार्ड के समाजसेवी श्री लाल बहादुर यादव उर्फ नेपाली, जिन्होंने उक्त कार्य में अपना भरपूर योगदान दिया है को भी प्रशस्ति पत्र मा0 मंत्री जी, जिलाधिकारी ने दिया।
जनपद जौनपुर अन्तर्गत 3 नगर पालिका परिषद एवं 6 नगर पंचायतों में कुल मिलाकर 168 वार्ड है, जिसमें से-
1- नगरपालिका परिषद, जौनपुर में मियांपुर वार्ड को उपयुक्त पाये जाने पर इस वार्ड हेतु 11.50 लाख प्रथम पुरस्कार तथा ओलन्दगंज वार्ड हेतु 7.50 लाख द्वितीय पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
2- नगर पंचायत मछलीशहर को 5.50 लाख तृतीय पुरस्कार के रूप में दिया गया।
3- नगर पालिका मुगराबादशाहपुर को चतुर्थ पुरस्कार प्रशस्ति पत्र के रूप में दिया गया।
4- नगर पंचायत खेतासराय को पंचम पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र दिया गया।