आज की डिजिटल क्रांति ने प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का बदला स्वरूप-प्रो.गोविन्द

सोशल मीडिया की इंट्री ने एक नये संवाद को दिया जन्म : डॉ. अरविन्द कुमार सिंह

 

एमसीजे विभाग में “मीडिया में बढ़ते रोजगार की संभावनायें” विषय पर हुआ शानदार व्याख्यान

 

वासुदेव यादव की रिपोर्ट

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में मीडिया में बढ़ते रोजगार की संभावनायें विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान के मुख्य वक्ता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 गोविन्द जी पाण्डेय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ0 अरविन्द कुमार सिंह रहे। व्याख्यान को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो0 गोविन्द जी पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान परिवेश में बढ़ती मीडिया की भागीदारी ने विश्व को नये सिरे से परखना प्रारम्भ कर दिया है। इसके लिए यह आवश्यक हो गया है कि मीडिया के क्षेत्र में अपने कॅरियर के चुनाव से पहले भाषा विज्ञान एवं सामयिक विषयों पर गहन अध्ययन अधिक आवश्यक हो गया है। प्रो0 पाण्डेय ने कहा कि डिजिटल क्रांति ने प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के पूरे स्वरूप को ही परिवर्तित कर दिया है। वर्तमान परिवेश में तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ विषय के सभी पक्षों को प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण हो गया है। मीडिया के क्षेत्र में भी प्रतियोगिता काफी बढ़ गई है इसलिए इस क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर युवा पीढ़ी आकर्षिंत हो रही है। प्रो0 पाण्डेय ने बताया कि मीडिया का क्षेत्र अब स्थानीय न होकर ग्लोबल हो चला है । इसके कई सार्थक परिणाम मीडिया इंड्स्ट्री में रोजगार के अवसर निश्चित रूप से बढ़े है। चुनौतियां भी कॉफी बढ़ती जा रही है, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए हुए इस क्षेत्र का कॅरियर आकर्षक तो है परन्तु नियमित रूप से स्वयं अपग्रेड करने की आवश्यकता भी है। अब अंग्रेजी में भी पत्रकारबन्धु को दक्ष होना अनिवार्य है। साथ कि ट्रांसलेशन व हिंदी अंग्रेजी टाइपिंग में भी माहिर होना अनिवार्य है। तभी जल्द जॉब मिलेगी। मीडिया में योग्य व दक्ष युवाओं की सतत मांग रहती है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ0 अरविन्द कुमार सिंह ने कहा कि मीडिया का क्षेत्र काफी व्यापक हो गया है अब इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के साथ सोशल मीडिया की इंट्री ने एक नये संवाद को जन्म दे दिया है। सोशल मीडिया को अनियंत्रित मीडिया भी कहा जाता है। आवश्यकता इस बात की है कि बिना जॉचे परखे तथ्यों का प्रकाशन न तो समाज के हित में है न स्वयं के। मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत लोगों पर यह दायित्व बढ़ जाता है कि समाज में हो रहे परिवर्तन पर गहनता से दृष्टि रखे ताकि उसके प्रकाशन का व्यापक सामाजिक असर हो। न्यू मीडिया में जॉब की आजकल भरमार है। बशर्ते उसके योग्य आप सब बने। अपने अंदर क्वालिटी लावे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथि का स्वागत डॉ0 आर0एन0 पाण्डेय एवं डॉ0 अनिल कमार विश्वा ने पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विभाग के शिक्षक डॉ0 राजेश सिंह कुशवाहा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वासुदेव यादव, राकेश वर्मा, नन्द मोहन पांडेय, शोभा गुप्ता सूर्यकांत तिवारी, आदित्य तिवारी, साक्षी श्रीवास्तव, दिपाली श्रीवास्तव, वर्षा शुक्ला, युक्ति गुप्ता, नेहा सिंह, सौरभ सिंह पवन , प्रेमचंद व अंकिता  सहित अन्य छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।

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