राघवेंद्र तिवारी की रिपोर्ट :
लखनऊ : निगोहा कस्बे से घर जा रहे बाइक मैकेनिक को शराब पी रहे कुछ लोगो ने रोककर उसके साथ लूटपाट की विरोध करने पर उसको लहूलुहान कर दिया।शोर सुनकर राहगीर दौड़े तो आरोपित मौके से भाग निकले बाद में सूचना पर आये घर वालो के साथ निगोहा थाने गया।जहाँ पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पीड़ित को इलाज के लिए मोहनलालगंज सीएचसी पर भर्ती कराया।
मदारीखेड़ा निगोहा का रहने वाला मोहम्मद अफाक निगोहा कस्बे की अपर्णा एजेंसी में बाइक मैकेनिक है। सोमवार अपने मालिक से तीन हजार अपने वेतन के लेकर रोज की तरह साइकिल से घर के लिए निकला।और जैसे से ही हरिवंश खेडा मोड़ के पास पहुचा तो वहां पहले से खड़े शराब पी रहे आधा दर्जन लोगों ने रोककर उसकी साइकिल खिंची और तलाशी लेकर उसके पास रखे तीन हजार रुपये भी छीन कर उसे पास के कांटो में धकेल दिया। इसके बाद कांटो से निकलकर मैकेनिक ने शोर मचाया तो पास के गांव के लोग दौड़े तो आरोपित साइकिल कुछ दूर छोड़कर भाग गए।
इसके बाद ग्रामीणो ने पीड़ित के घर वालो सूचना दी मौके पर आए घर वालो को पास में ही अंडे की दुकान लगाने वाले एक कि पहचान कर नाम बताया इसके बाद परिजनों ने निगोहा थाने पर पहुँच कर मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर जगदीश पाण्डेय ने बताया कि जिस पर पीड़ित ने आरोप लगाया है वो शौच कर रहा था।और शक में उसका नाम लिखाया जांच की जा रही है।
दुबारा उसी जगह पीड़ित के साथ फिर हुई वारदात
पीड़ित के पिता ने बताया कि कुछ दिन पहले भी बेटे के साथ इसी जगह पर लूट हुई थी।पर उस समय तीन सौ रुपये की थी और मारपीट ज्यादा नही की थी तो तहरीर के बजाए मौखिक पुलिस से बताया था।पर उस समय भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की थी।
परिजनों ने तहरीर को लेकर पुलिस पर आरोप लगाया
पीड़ित के पिता अब्दुल रहुफ ने बताया कि घटना के बाद जब वो अपने बेटे को लेकर निगोहा थाने पहुचा तो वहां पर मौजूद पुलिस वालों ने थाने के बाहर पान की दुकान से तहरीर लिखाकर लाने की बात कही जहां पर तहरीर लिखवाने गया और आपबीती बताई जहा पर पैसे लूटने की बात बताई पर उसमें पैसे गिरने की बात लिख दी।
निगोहा पुलिस अपने तरीके से लिखवाती है तहरीर—-
ग्रामीणो की तो माने तो निगोहा थाने के पास एकमात्र तहरीर लिखने वाला रामू पान वाला है। और वही सबकी तहरीर लिखता पर पीड़ित के हिसाब से नही पुलिस के हिसाब से और जब कोई पढ़ने लिखने वाला तहरीर में शब्दों का विरोध करता है तो रामू साथ थाने आकर पुलिस को पूरी बात बताकर वही उसकी आवाज को बंद करा देता है। ग्रामीणो ने बताया यही नही हत्या जैसे मामलों में रामू को थाने पर बुलाकर तहरीर लिखाई जाती है और गलत होने पर कई बार फाड़-फाड़ कर लिखी जाती है।