राकेश द्विवेदी की रिपोर्ट
संतकबीरनगर। 108/102 एम्बुलेन्स कर्मियो ने कहा कि एक्यूट एन्सेफालेइटिस सिंड्रोम (ए0ई0एस0)/दिमागी बुखार की प्रशिक्षण पुस्तिका देकर पार्थ संस्था की निदेशक शालिनी खरे ने 8 पृष्ठो मेें दिये गये विस्तार पूर्वक उन्हे प्रशिक्षित किया है, जेईएस/एईएस घातक बीमारी की सूचना मिलने पर 108/102 के एम्बुलेन्स कर्मी अपनी सुविधा किस प्रकार प्रदान करेगे इसके लिए उन्होने बिन्दुवार प्रशिक्षण दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में जनपद में स्वास्थ्य विभाग से जुडकर आम जनमानस को सेवा करने वाले 108 व 102 के एम्बुलेन्स चालक व एमटी को लखनऊ की टीम ने प्रशिक्षण दिया है। शासन का उद्देश्य से है कि एम्बुलेन्स चालक व एमटी विपरीत परिस्थितियो में मरीज को सुचारू रूप से निकटतम अस्पताल तक पहुचाने के दौरान किस बातो पर विशेष ध्यान देना है। सीएमओ कार्यालय के सभागार में प्रशिक्षण देती हुई पार्थ संस्था के निदेशक शालिनी खरे ने कहा कि प्रदेश में 108 व 102 एम्बुलेन्स से आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल रहा है लेकिन इसमे अभी और सुधार की आवश्यकता है कभी-कभी शिकायत प्राप्त होता है कि एम्बुलेन्स की सूचना दिये जाने पर उन्हे समय से एम्बुलेन्स की सुविधा नही मिली और कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में एम्बुलेन्स चालको को सचेत रहना होगा। सूचना मिलने के बाद ही तत्परता से सूचना स्थल पर पहुचे और सहयोग के साथ मरीज को एम्बुलेन्स में बैठाकर/लेटाकर निकटतम अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराये। मरीज को प्रथम उपचार की सुविधा या उनकी दुख की घड़ी में संवेदना के लिए सबसे पहले 108 व 102 एवं एलेक्स के एमटी मौके पर पहुचते है और उनका दायित्व बनता है कि अपने मजबूत व्यवहार से वार्ता कर मरीज को एम्बुलेन्स से शीघ्र अतिशीघ्र जिला अस्पताल या निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुचाये। प्रशिक्षण किये ।