भागलपुर से राहिल सिद्दीकी की रिपोर्ट :
जिला महिला कांग्रेस द्वारा आगामी 25 फरवरी को स्थानीय जिला कांग्रेस भवन दीप नगर में महिलाओं के उत्थान के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेगा इस बात की जानकारी प्रेस वार्ता के दौरान महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती कोमल सृष्टि ने दी । उन्होंने कहा कि दीया की कार्यशाला का उद्घाटन कहलगांव विधायक सदानंद सिंह करेंगे और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर विधायक अजीत शर्मा होंगे एवं पूरे जिले के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल होंगे । इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सैयद शाह अली सज्जाद भी उपस्थित रहेंगे । कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला महिला कांग्रेस कमेटी करेगी । इस कार्यशाला में भारतीय समाज में स्त्रियों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार एवं उनकी राजनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में संसद में महिला की भागीदारी , महिला आरक्षण विधेयक के अनुसार संसद में 33% सीटें , संसद में करीब 10% महिला सांसद हैं और राजनीति में महिलाओं की भूमिका सीमित है उक्त बातों पर विचार विमर्श किया जाएगा । महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष रिष्टि कोमल ने बात रखते हुए कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि लोकसभा में अपने बहुमत का लाभ उठाते हुए उनकी सरकार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक लाकर उसे पारित करना चाहिए । महिलाओं के लिए कोटा निर्धारित करने का प्रस्ताव राजीव गांधी ने 1989 में रखा था लेकिन तब विपक्ष के विरोध के कारण विधेयक पारित नहीं हो पाया था । बाद में 1995 में संसद के दोनों सदनों ने इन्हें पारित किया , पिछले 21 मई से कांग्रेस के महिला संगठन की अध्यक्षता सुष्मिता देव के नेतृत्व में देश भर में महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था । कांग्रेस ने इस विधेयक को 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित करा लिया था लेकिन लोकसभा में यह नहीं हो सकता सका । यह बिल 1996 में पहली बार पेश हुआ था । उन्होंने कहा कि भागलपुर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा चुका है। महिला आरक्षण बिल के तहत संसद में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का प्रस्ताव है मगर यह विडंबना है कि महिला आरक्षण का ज्वलंत मुद्दा पिछले दो दशक से अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग कर रही है लेकिन पुरुष प्रधान राजनीति संसद में बिल पारित नहीं होने दे रही है । उन्होंने कहा कि महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए उन्हें रिजर्वेशन देने का कंसेप्ट राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में आया था , राजीव गांधी ने सत्ता का विकेंद्रीकरण करते हुए पंचायत और लोकल बॉडी को अधिकार देना और महिलाओं के लिए जगह सुरक्षित करने की बात की थी । पंचायतें और लोकल बॉडी में महिलाओं को आरक्षण 73वें और 74वें संविधान संशोधन के जरिए 1993 में शुरू किया गया । उसी समय संसद और विधानमंडल में महिलाओं की संख्या बढ़ने की रूपरेखा बनी थी । इस मौके पर पूजा साह, सुनंदा रक्षित और जगदीशपुर प्रखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष मौजूद थे ।