ज़मीर अंसारी की रिपोर्ट :
सोनभद्र : दुद्धी तहसील प्रांगण में बुधवार की रात्रि कौमी एकता समिति दुद्धी के तत्वाधान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया।जिसमें देश व प्रदेश के सुप्रसिद्ध कवियों ने स्वरचित कविता के माध्यम से आपसी सौहार्द फैलाया। सम्मेलन में डॉ कमलेश राजहंस, धर्म प्रकाश मिश्र वाराणसी, दीपक दनादन भोपाल , लाटूरि लट्ट टूंडला, यथार्थ विष्णु , मनमोहन मिश्र गोरखपुर, इमरान बनारसी ,हसन सोनभद्री,बिहारी लाल अम्बर प्रयाग,सुनैना त्रिपाठी एडवोकेट हाई कोर्ट प्रयाग,विजयलक्ष्मी शुक्ला’ सम्बेदना ‘ मध्य प्रदेश के कवियों ने शिरकत की।कवियों ने अपने स्वरचित कविता के माध्यम से हिन्दू मुस्लिम भाईचारे के पैगाम के साथ अमन चैन व सौहार्द से जीवन जीने की कला सिखाया।
मनमोहन मिश्र ने वाणी वंदना गाते हुए कहा कि ज्ञान के दीयना जराइ माँ शारदा,होई जात जग उजियार ,कमल के फुलवा तोहार बा ,माथवा निवाई मैया तोहार चरणीयना, कइसन भोरवा बा कइसन शझरिया गाकर सम्पूर्ण फिजा भक्तिमय कर दिया। डॉ कमलेश राजहंस ने कविता के माध्यम से कहा कि सुख में सबको लागे सोना चानी रात ,दुख में लागे लोरन लिखल कहानी रात । भइल पेट जिनगो क सुर संगीत लगे ,खाली पेट लगेले काला यानी रात।
डॉ धर्म प्रकाश मिश्र ने कविता के माध्यम से कहा कि कौन कहता है गिद्ध भारत से लुप्त हुए, पेड़ों के बजाय कुर्सियों में पाए जाते है।त्रेता वाला गिद्ध सीता माता हेतु जान दिया, कलयुग के गिद्ध सीताओं को नोच खाते है। कवि यतार्थ विष्णु ने कविता के माध्यम से कहा कि काश वो एक के बदले दस सिर वाला वादा पूरा कर पाते,क्योंकि भारत माँ के नैना आंसू और नही देखे जाते।।
कवि मनमोहन मिश्र जो रेनुकूट वन प्रभाग के बतौर एसडीओ कार्यरत ने कविता के माध्यम से कहा कि अम्न कतरा रहा है आने से ,फायदा क्या नगर बसाने से,रोक सकती नही हवा मुझको ,इक दिया प्यार का जलाने से। इमरान बनारसी ने कविता के माध्यम से कहा कि तेरे वाले कमान वाले है ,हम बड़ी आन बान वाले है ,जिसे सम्मान करता है दुनिया, हम वह हिंदुस्तान वाले है।कवि हसन सोनभद्री ने कविता के माध्यम से कहा कि कुछ तो जीने के लिए कट जाए,आओ एक दूसरे पर मर जाये,दुश्मनी कौन से अक्लमंदी ,प्यार अच्छा है इसको कर जाए।
कवियत्री सुनैना त्रिपाठी ने कहा कि सुनो घरों को स्वर्ग बनाती है बेटियां, भगवान की कृपा हो तो आती है बेटियां, चलता नही है जिन पर कभी आंधियों का जोर ,आशाओं का वह दीप जलाती है बेटियां।कवियत्री विजय लक्ष्मी शुक्ला ने कविता के माध्यम से कहा कि नारी हूँ मैं नारी हूँ, सृष्टि की कृति न्यारी हूं, मैं कान्हा की राधिका हूँ, मुश्किल पद की साधिका हूँ।इस प्रकार भोर तक कवि सम्मेलन चलता रहा और श्रोताओं ने इस सम्मेलन का जमकर लुफ्त उठाया।
कार्यक्रम की शुरुवात में मुख्यतिथि राज्य सभा सांसद रामशकल व कार्यक्रम संयोजक क्षेत्रीय विधायक हरिराम चेरों ने माँ सरवस्ती के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर दीप प्रज्वलित कर महान कवि स्वर्गिय गोपालदास नीरज पद्मश्री व पद्मभूषण व अटल बिहारी बाजपेयी के चित्र पर भी माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुवात की।इस दौरान सांसद रामशकल ने कहा कि कवि समाज की संवेदनाओं को कविता के माध्यम से चित्रित करने का काम करता है।समाज की पीड़ा को समाज में प्रकट करने का काम करते है।
दुद्धी की कौमी एकता दिवस सोनभद्र में अकेला कार्यक्रम है, जो गंगा जमुना के तहजीब को सिखाता है।यह कार्यक्रम पिछले 33 वर्षों से निर्बाध रूप से निरंतर मनाया जा रहा है,जिस में कई बार मैं खुद शिरकत किया है वास्तव प्रदेश के छोर पर स्थित दुद्धी एक ऐसी जगह है जो कौमी एकता का नजीर बना है ,यहां किसी भी प्रकार दूसरे धर्म के लिए तिरस्कार नही है।इसी प्रकार एसडीएम रामचंद्र यादव ,क्षेत्रीय विधायक हरिराम चेरों ने भी अपने वक्तव्यों को रखा और कौमी एकता के आयोजकों व सम्मेलन को सुनने आये दर्शकों का आभार जताया।
इस मौके पर तहसीलदार शशिभूषण मिश्रा,रेंजर विजेंद्र श्रीवास्तव, रेंजर आरपी चौहान, रामलोचन तिवारी, दिनेश अग्रहरी, कमलेश सिंह कमल, शिवशंकर प्रसाद , मदन मोहन तिवारी, हरिहर यादव , ग़ौस मुहहमद खान,अवधनारायण यादव ,राजकुमार अग्रहरी, संजय यादव ,विंध्यवासिनी प्रसाद ,जुबेर आलम ,डॉ लवकुश ,महेशानंद, विपिन बिहारी,कन्हैया अग्रहरी ,रामेश्वर राय के साथ आदि संभ्रांत लोग मौजूद रहे।