भक्ति का अनूठा संगम है श्रीमद्भागवत ज्ञान वैराग्य-पंडित चंद्र सागर


संतोष गुप्ता की रिपोर्ट

शहाबगंज चन्दौली शहाबगंज क्षेत्र के मसोई गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा की दूसरी निशा में पंडित चंद्र सागर ने बताया कि समाज को क्रांति देने वाला एक मात्र शास्त्र भागवत है जो काल के भय से जीव को मुक्त करने वाला ग्रंथ है ।श्रीमद्भागवत स्वयं भगवान के मुख से निःसृत कलिकाल का पंचम वेद है । बृंदावन धाम से पधारे भक्ति क्रांति के अग्र दूत पंडित चंद्र सागर जी महाराज ने श्रीमद्भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि जो मानव जीवन मे विशुद्ध प्रेम की अवस्थापना करते हुए मृत्यु को भी मंगल मय कर देता है ।जीव को काल के भय से मुक्त कर देता है। श्रीमद्भागवत आध्यात्मिक रस वितरण का सार्वजनिक प्याऊ है। जिसमे ज्ञान बैराग्य और भक्ति का अनूठा संगम है ।परम् सत्य की अनुभुति कराते हुए नर को नारायण पद प्राप्त करने का उत्तम सोपान है ।यहाँ इसलिये माता कुंती भगवान श्रीकृष्ण से भौतिक संपदा न मांगकर केवल विपत्तियों का ही वरदान मांगती हैं । क्योंकि बिपत्ति में प्रत्येक क्षण प्रभु का स्मरण बना रहता है ऐसा सुख लेकर क्या करे जो परमात्मा को विस्मृत करा दे ।गोविंद को भूल जाना ही सबसे बड़ी बिपत्ति है और कन्हैया की याद बनी रहे यही सबसे बड़ी संपत्ति है ।अतः पूज्य चंद्र सागर जी महाराज ने सभी भक्तों का आवाहन करते हुए इस सप्त दिवसीय ज्ञान भक्ति गंगा का आह्वान करने का आग्रह किया है । यह भागवत भक्ति अनुष्ठान निरंतर 7 दिन तक चलता रहेगा ।भागवत आरती पूर्वांचल के सबसे बड़े वस्त्र ब्यवसाई श्री केशव जालान जी के द्वारा की गई ।कथा में प्रमुख रूप से सर्वेस्वरानंद पांडेय जय किशोर सिंह रामप्रसाद पांडेय गोरख सिंह चिंटू पांडेय मुरारी पांडेय उमेश सिंह अजय आदि के साथ आस पास के गांवों के हजारों की संख्या में नर नारी भक्त उपस्थित होकर श्रीमद्भागवत रूपी अमृतरूपी वर्षा का रसपान किया।

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