साधना मानने से नहीं जानने से आरम्भ होती है-मोदी

राकेश द्विवेदी की रिपोर्ट

 

संतकबीरनगर कबीरदास जी जमीन से उठे और माथे का चंदन बन गए । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुरुवार को मगहर में महान संत श्री कबीर दास जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित किए और मंदिर में माथा टेके और  चादर चढ़ाई एवं संत कबीर दास की गुफा का दौरा किये  एवं 24 करोड़ की लागत से बनने वाली कबीर ऐकडमी की आधार शिला भी रखी इस मौके पर उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कबीर की साधना मानने से नहीं जानने से आरंभ होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में करते हुए कहा नमस्कार साहिब बंदगी आज हम अपने को बड़ा सौभाग्यशाली मानता हूं कि महान सूफी संत कबीर दास जी के कार्यक्रम  में हो रही इस आयोजन में पावन धरती पर आइल बाटी आज हम के यहां आकर बहुत नीक लागत हव यह पावन धरती के हम प्रणाम करत बानी और आप सब लोगन  के  पाय लागी उन्होंने कहा कि आज मेरी बरसों की कामना पूरी हुई संत कबीर दास की समाधि पर फूल चढ़ाने काअवसर मिला  उन की मजार पर चादर चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मैं उस गुफा में भी गया जहां कबीर दास जी साधना करते थे उन्होंने कहा कि आज जेष्ठ शुक्ल पूर्णिमा है आज ही से भगवान भोलेनाथ अमरनाथ की यात्रा शुरू हो रही है मैं तीर्थ यात्रियों को सुखद यात्रा के लिए शुभकामनाएं भी देता हूं कबीर दास जी कि 620 में प्रकाश उत्सव और पांचसौवी  पुण्यतिथि के अवसर पर आज से ही यहां कबीर महोत्सव की शुरुआत हुई कुछ समय पहले यहां कबीर अकादमी का शिलान्याश किया गया । और यहाँ महात्मा कबीर दास जी से जुडी स्मृतियो को संजोने वाली संस्थाओ का निर्माण किया गया । कबीर गायन प्रशिक्षण भवन कबीर नृत्य प्रशिक्षण रिसर्चसेन्टर लाईब्रेरीआडिटोरियम हास्टल आर्ट गैलरी विकसित किया जायेगा। माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कबीर की साधना मानने से नहीं जानने से होती है। और उन्होंने कहा कि वह सिर से पैर तक मस्त मौला स्वभाव के फक्कड़ और आदत में अखंडभक्त के सामने सेवक और बादशाह के सामने प्रचन्ड दिलेर और दिल के साफ  दिमाग के दुरुस्त और दिल के साफ ब्यक्ति थे वह धूल से उठे हुए थे और कर्म से संवेदनशील   हो गए प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर दास जी ने जाति पात के भेद भाव नही किये सब मनुष्य की एक जाति घोषित किये और अपने भीतर के अहंकार  को खत्म कर उसमें भी ईश्वर का दर्शन कराने का रास्ता दिखाया वह सभी के थे इसलिए सब उनके हो गए 4 साल में देश के अंदर विश्वास का एक वातावरण पनपा योगी इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मगर की धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि यह वर्ष मध्यकालीन महान संत कबीर दास जी का निर्माण वर्ष है 500 वर्ष पूर्व इस महान संत ने  रूढ़ियों के खिलाफ  आवाज उठाई थी उन्होंने कहा था कि हम वासी उस देश के जहां जाति वरन कुल नाही।

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