रिपोर्ट- उमेश कुमार शर्मा
गौरीगंज, अमेठी- तहसील तिलोई क्षेत्र के गांव फूला में बेखौफ लकड़ी के कारोबारियों द्वारा दिनदहाड़े फलदार वृक्षों की कटान धडल्ले से की जा रही थी।ग्रामीणों द्वारा वन विभाग के अधिकारियों से शिकायत भी की गयी लेकिन वनकर्मी कारोबारी के ही गुण गाते रहे जब कि पुलिस ने मामले से अपना पल्लू झाड़ लिया है।वन व पुलिस महकमे के बीच लुकाछिपी के इस खेल में कारोबारियों की चांदी हो रही है।
वनरेंज तिलोई के वनक्षेत्राधिकारी व वन कर्मियों की सांठगांठ से इन दिनों क्षेत्र में हरे भरे वृक्षों की विनाशलीला का दौर प्रारम्भ हो गया है।शासन प्रशासन के आदेशों व निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुये वन कर्मियों व पुलिस के द्वारा प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ों की कटान की खुली छूट प्रदान की गई है।वन विभाग की खाऊ कमाऊ नीति के चलते प्रतिदिन लकड़ी लदी ट्रैक्टर ट्रालियां सड़कों पर फर्राटा भरते बड़ी ही आसानी से देखे जा सकती हैं।लेकिन हद तो तब हो गई जब बीते शुक्रवार को थाना मोहनगंज क्षेत्र के गांव फूला में हरा भरा आम का पेड़ काटे जाने की शिकायत जब ग्रामीणों ने पुलिस व वन महकमे से दर्ज करायी तोपुलिस ने सूखा पेड़ बता कर पल्ला झाड़ लिया।लेकिन मौके पर पहुचे बीट के वन कर्मी जुर्माना कटा।जिससे पुलिस विभाग इससे ऐसा लगता है वह ठेकेदारों की सरपरस्ती में ही गुड़गान करने से नही चूक रहे।जिससे अवैध कटान को लेकर जो लुकाछिपी का खेल तेजी से चल रहा है कि वह दिन दूर नही जब यह इलाका रेगिस्तान न बन जाय।हरे भरे लकड़ी कटान के मामले मे पुलिस द्वारा उच्चाधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। जानकारी के लिये बताते चले कि बीते दिन शुक्रवार को मोहनगंज थानाध्यक्ष द्वारा लकड़ी कटान के मामले मे उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया कि पेड़ सूखा था और मालिक द्वारा कटवाया जा रहा था। जबकि पेड़ को देखकर हकीकत कुछ और ही बयां करती है।