दर्जनों से अधिक गांवों के किसान हर साल होते है प्रभावित
राकेश सैनी की रिपोर्ट
चकिया/चन्दौली स्थानीय विकास खण्ड के सदापुर गांव निवासी दिलीप कुमार सिंह नामक किसान ने विगत दिनों अपनी फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए शासन से गुहार लगाई थी जिस में शासन ने कहा है कि वनरोजों एंव जंगली सुअरों के आतंक से कृषको और उनके खेत खलिहानों को मुक्त कराने के उद्देश्य से उ०प्र०शासन वन अनुभाग-4के शासनादेश संख्या 446/14अप्रैल 2013 दिनांक 4मार्च2013 द्वारा वनरोजों एंव जंगली सुअरों द्वारा कृषि फसलों को क्षति पहुचाये जाने से रोकने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रभागीय वनाधिकारी को सदस्य सचिव नामित करते हुए जिला कृषि अधिकारी,जिला पशुधन अधिकारी,जिला उद्यान अधिकारी को सदस्य नामित किया है।इस समिति द्वारा जिले के प्रत्येक ब्लाकों में वनरोजों एंव सुअरों से फसलों को होने वाले नुकसान की समीक्षा की जायेगी,इस समिति द्वारा वनरोजों व जंगली सुअरों को परमिट द्वारा मारने की त्रैमासिक समीक्षा की जायेगी तथा इनके नष्ट होने की 70प्रतिशत तक की सीमा प्राप्त हो जाने पर परमिट जारी नही किया जायेगा।के आदेश के बावजूद भी इसके अनुपालन में स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुच पाये है,जबकि क्षेत्र के कुसुमा,बलिया,लठियां,जोगीयां,सीतापुर,ताजपुर सहित दर्जनों गांवों में जंगली जानवरों के आतंक से किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।स्थानीय किसानों ने जिला प्रशासन से अविलम्ब इस समस्या से निजात दिलाने कि मांग की है।