आजीविका मिशन की 55 महिलाएं सुल्तानपुर के लिए रवाना

 

अमित कुमार की रिपोर्ट

दुद्धी सोनभद्र ,उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत इंटेंसिव ब्लॉक दुद्धी से मंगलवार को सुबह 7 बजे शासन के निर्देशानुसार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रशिक्षित आईसीआरपी (आंतरिक सामुदायिक संदर्भ व्यक्ति) का 55 सदस्यीय 11 दल प्रोफेशनल रिसोर्स पर्सन सीताराम कुमार के साथ जनपद सुल्तानपुर के लिए 45 दिनों के ड्राइव पर रवाना किया गया।

 

ब्लॉक एंकर पर्सन जय कुमार जोशी ने बताये कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत पूरे उत्तर प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों का जाल बिछेगा एवं समुहों के माध्यम से सरकार के द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ प्रार्थमिकता के साथ दिलवाया जाएगा। समूह गठन एवं उसका प्रशिक्षण कार्य किये जाने के उद्देश्य से पुराने इंटेंसिव ब्लॉक से नये इन्टेन्सिव ब्लॉक में आजीविका मिशन से आईसीआरपी का दल भेजने हेतु राज्य एवं जिला मुख्यालय से निर्देशन प्राप्त हुआ था इसी क्रम में उन्हें आज ब्लॉक से रवाना किया जा रहा है।

 

बीएपी श्री जोशी ने बताये कि अपने समुहों में न्यूनतम 52 बैठक में भाग ले चुके सक्रिय महिला सदस्यों चयन कर प्रशिक्षित किया गया ।पाँच-पाँच  महिलाओं को मिलाकर एक टीम बनाई गई है। प्रत्येक टीम में 2 पढ़ी लिखी महिला सदस्य रखि गई हैं जो सारा लिखा पढ़ी एवं रिपोर्टिंग का कार्य करती है उसे आईसीआरपी-बीके के नाम से जाना जाता है, शेष अन्य 3 महिला सदस्य शोशल मोबलाइजेशन करने के लिए होती है उनका पढ़ी लिखी होना अनिवार्य नहीं है इन्हें आईसीआरपी- एसएम के नाम से जाना जाता है।

 

आगे उन्होंने बताये कि ब्लॉक दुद्धी में इससे पूर्व में तीन बार चयन प्रक्रिया अपनाकर कुल 200 आईसीआरपी का चयन किया जा चुका है । 15 टीम हेतु 75 महिला प्रशिक्षित है। इनमें से 55 वर्तमान में ड्राइव पर जा रही है। क्षेत्र में खेती किसानी का सीजन होने के कारण 20 ड्राइव पर नही जा रही है। प्रत्येक ड्राइव 30से 45 दिनों का होता है। ड्राइव के दौरान घर से जाने कार्यस्थल तक जाने की व्यवस्था आजीविका मिशन के द्वारा की जाती है एवं ड्राइव के 30 से 45 दिनों का प्रतिदिन रु 500 के दर से ग्रामसंगठन के द्वारा उन्हें भुगतान किया जाता है। इस तरह से आदिवासी बहुल इलाकों के लिए आजीविका मिशन बहुत बड़ी मददगार साबित हो रहा है। महिलाओं को सीधे रोजगार का अवसर प्राप्त हो रहा है। 45 दिनों में 500 रु के दर से प्रति महिला 22 हजार 500 रु का अर्जन का माध्यम आज इन महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह बन रहा है। 45 दिनों में आदिवासी बहुल क्षेत्र की दुद्धि 55 महिलाएं 12 लाख 37 हजार 500 रु आजीविका मिशन से पाकर अपने अपने घर को आर्थिक समृद्धि में मददगार साबित होंगी। महिला शसक्तीकरण को समर्पित आजीविका मिशन क्षेत्र के विकास के लिए मौन क्रान्ति के रूप में कार्य कर रही है।

 

दल के रवानगी के दौरान बीएपी जय कुमार जोशी, एडीओ आईएसबी विजय कुमार, पीआरपी सीताराम कुमार,जितेंद्र कुमार, बीआरपी फूलमति देवी, संगीता देवी,पुष्पा देवी, आदि मौजूद रहे।

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