आज़ादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी विकास से कोसों दूर है संतकबीर नगर का ये गांव, बदहाली में जीने को मजबूर ग्रामीण

राकेश द्विवेदी की रिपोर्ट :

संतकबीर नगर : आजादी के बहत्तर वर्ष पूरा हो जाने के बावजूद खलीलाबाद ब्लॉक से सटे हुए बनकटिया ग्रामसभा आज भी विकास से कोसों दूर है, जो जिला मुख्यालय से सटा हुआ है। बनकटिया ग्राम सभा में विकास का कार्य सिर्फ कागजों में ही होकर रह जाता है। जमीनी हकीकत अगर देखेंगे तो सर पर हाथ फेरते रहेंगे। विकास कार्यो के जगह सिर्फ मात्र खाना आपूर्ति करके कागजों में सरकारी धन का बंदर बाट किया जा रहा है।



इस कहावत को चरितार्थ कर रही है कि चिराग तले अंधेरा। यह ग्राम सभा विकास के कार्यों से कोसो दूर है। बनकटीया ग्राम सभा की सुध लेने को जिम्मेदार तैयार नहीं हैं। जिला संतकबीर नगर के नौ ब्लॉक में सबसे बद्तर हालत बनकटिया ग्रामसभा की है। स्वच्छता अभियान के तहत चलाए गए हर घर को शौचालय उपलब्ध कराये जाने का सरकार का सपना था, परन्तु यह अधूरा रह जाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का सपना था की स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत, परंतु शौचालय हर गरीब घर को न मिल पाने के कारण प्रधानमंत्री का सपना अधूरा नज़र आ रहा है।



जिला संतकबीर नगर के जिम्मेदार सब कुछ जानते हुए भी मौन धारण किए हुए हैं और ताज़्ज़ुब की बात ये है कि इन पर कोई कार्यवाही भी नहीं हो रही है। खलीलाबाद ब्लॉक के निचले स्तर के कर्मचारी सरकार के योजनाओं पर पानी फेरने में कोई कोर कसर बाकी नहीं कर रहे हैं । खलीलाबाद ब्लॉक से सटे बनकटिया ग्राम सभा आज भी विकास की राह जोह रहा है। देश को आजाद हुए बहत्तर वर्ष हो चुके, परन्तु आज भी ग्राम सभा में कोई विकास नहीं हुआ। बीस वर्ष पहले लगाये गये खरंजे वाली सड़क अपनी बेबसी पर रोने को मजबूर हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है, जिससे ग्रामीणों में सरकार और अधिकारियों के प्रति आक्रोश व्याप्त है, लेकिन इनके आक्रोश का किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ता और ये बदहाली में रहने को मजबूर हैं।


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