नई दिल्ली : 13 Point रोस्टर के खिलाफ आज सड़कों पर उतरे दलित-OBC संगठन भारत बंद किया, जिसका कई राज्यों में व्यापक असर देखने को मिला। दलित-OBC संगठन ने 13 Point रोस्टर को आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बताया और कहा कि इस सिस्टम के तहत आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
क्या है 13 Point रोस्टर ?
दरअसल, 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम यूनिवर्सिटी में आरक्षण लागू करने का नया तरीका है। इस रोस्टर सिस्टम को एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण सिस्टम के साथ ‘खिलवाड़’ बताया जा रहा है। अभी बवाल इसलिए मचा हुआ है, क्योंकि 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम पर यूजीसी और मानव संसाधन मंत्रालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी, 2019 को खारिज कर दिया।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2017 के फैसले को बहाल रखा था, जिसमें आरक्षित पदों को भरने के लिए डिपार्टमेंट को यूनिट माना गया था न कि यूनीवर्सिटी को। इस मामले में सरकार की रिव्यू पीटिशन को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसी के साथ ही ये तय हो गया कि यूनिवर्सिटी में खाली पदों को 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के जरिए ही भरा जाएगा।
क्या है 13 Point रोस्टर के तहत बहाली का नियम :
पहले वैकेंसी भरते वक्त यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाता था, उसके हिसाब से आरक्षण दिया जाता था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद वैकेंसी भरने के लिए डिपार्टमेंट/सब्जेक्ट को यूनिट माना जाने लगा। साथ ही 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम लागू हुआ। प्रोफेसर अहिरवार सिस्टम को समझाते हैं कि अगर किसी यूनिवर्सिटी के किसी डिपार्टमेंट में वेकेंसी आती है, तो चौथा, आठवां और बारहवां कैंडिडेट OBC होगा, मतलब कि एक ओबीसी कैंडिडेट डिपार्टमेंट में आने के लिए कम से कम 4 वैकेंसी होनी चाहिए। 7वां कैंडिडेट एससी कैटेगरी का होगा, मतलब कि एक एससी कैंडिडेट डिपार्टमेंट में आने के लिए कम से कम 7 वैकेंसी होनी ही चाहिए। 14वां कैंडिडेट ST होगा, मतलब कि एक एसटी कैंडिडेट को कम से कम 14 वेकेंसी इंतजार करना ही होगा। बाकी 1, 2, 3, 5, 6, 9, 10, 11, 13 पोजिशन अनारक्षित पद होंगे।