नई दिल्ली : केरल के सबरीमला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी महिलाओं को प्रवेश की इज़ाज़त नहीं दी गई। वहीँ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश भी की, लेकिन वो नाकाम रही। इसी बीच दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने में कामयाबी हासिल कर ली। जानकारी के मुताबिक 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं ने मंदिर के भीतर प्रवेश किया। हालाँकि महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर का शुद्धिकरण हुआ, जिसके बाद दुबारा मंदिर खुला।
मुख्यमंत्री पी. विजयन ने महिलाओं के मंदिर में दाख़िल होने की पुष्टि की है और उन्होंने कहा, “हां, हमने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई.” पेरिनथलमन्ना की बिंदू और कन्नूर की कनकदुर्गा ने पिछले महीने मंदिर में घुसने का प्रयास किया था लेकिन वह इसमें सफल नहीं है पाई थी, क्योंकि उन्हें कथित तौर पर दक्षिणपंथी संगठनों के एक बड़े समूह ने रोक दिया था।
28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को स्वामी अयप्पा के मंदिर परिसर में जाने की अनुमति दे दी थी। ऐसी प्रथा है कि स्वामी अयप्पा ब्रह्मचारी हैं और माहवारी की आयु की महिलाएं अंदर नहीं जा सकती हैं। ये दोनों महिलाएं उन 10 महिलाओं के समूह में शामिल थीं जो मंदिर में प्रवेश करने में असफल हो चुकी थीं।