शेरपुर लवल में चकबन्दी के लिए अधिकारियों की मौजूदगी में चला हस्ताक्षर अभियान

राघवेंद्र तिवारी की रिपोर्ट :

लखनऊ : निगोहा क्षेत्र मे शेरपुर लवल गांव में चकबंदी का विवाद कई वर्षो से चला आ रहा है। इस गांव का एक पक्ष चकबंदी कराने के पक्ष में है तो दूसरा विरोध में है। कई बार राजस्व विभाग की टीम भी गांव गयी किन्तु कोई निराकरण नही निकल पाया। विवाद के निपटारे के लिए रविवार को सीओ चकबन्दी की अगुवाई में टीम एक बार फिर गांव पहुची। और चकबंदी कराने वाले पक्ष तथा न कराने वाले किसानों से अलग अलग हस्ताक्षर कराए गये।जिसमे बड़ी संख्या में किसानों ने चकबन्दी न कराये जाने वाले पक्ष में अपने हस्ताक्षर बनाये जिसके बाद सीओ चकबन्दी ने पूरी रिपोर्ट जिला प्रसाशन को भेजने के बाद कार्यवाही की बात कही है।



निगोहा के शेरपुर लवल गांव में चकबंदी को लेकर पिछले दो साल से गांव में दो पक्षों के बीच विवाद चला रहा है जिसमे एक पक्ष की माने तो गांव में चकबंदी की कोई जरूरत नही है उनके गांव में सारी सुविधाएं भी उपलब्ध है।वहीं दूसरे पक्ष की माने तो गांव में चकबन्दी होनी चाहिए । वहीं कुछ माह पूर्व गांव के एक पक्ष से 383 लोगों द्वारा हस्ताक्षर कर चकबंदी न कराए जाने के लिए डीएम से लेकर कई आला अधिकारियों से गुहार भी लगा चुके है।वहीं इसी क्रम में 22 मार्च को चकबन्दी कर्मचारी अकबर अली लगभग तीन दर्जन लोगों की चकबन्दी की नोटिस लेकर गांव पहुंचे जहां लगभग 4 दर्जन ग्रामीण कृषक इकट्ठा हो गए और नोटिस लेने से इनकार कर कर्मचारी को बंधक बना कर जमकर नारेबाजी की थी। लगभग तीन घण्टों के बाद कर्मचारी अकबर अली को एक जोड़ा कपड़ा व 21 रुपये देकर चकबन्दी न कराए जाने की अपील कर बैरंग वापस कर दिया था।

इसी चकबन्दी निपटारे के लिए बीते रविवार को सीओ चकबन्दी परवेज अख्तर अंसारी गांव के पंचायत घर पहुचे जहाँ पर पहले से ही सैकड़ो ग्रामीण एकत्रित थे।बैठक के दौरान जैसे सीओ ने किसानों से वार्ता शुरू की तो कुछ लोग वार्ता के बजाए हंगामा शुरू कर दिया। यह देखकर निगोहा एसओ जगदीश पांडेय ने हंगामा कर रहे ग्रामीणो को शांत कराया जिसके बाद फिर सीओ ने किसानों से वार्ता शुरू की और 25 नवम्बर को फिर वार्ता का समय दिया था।




दिए गए समयानुसार रविवार पंचायत घर मे अधिकारी व गांव के दोनों पक्ष एकत्रित हुए। मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा।जहां दोनों पक्षों से वार्ता के बाद निर्णय लिया गया कि गांव के दोनों पक्ष से अलग अलग हस्ताक्षर करेंगे जिसमे एक पक्ष के हस्ताक्षर चकबन्दी न कराए जाने व एक पक्ष चकबन्दी कराएं जाने का हस्ताक्षर अभियान देर शाम तक चला।सीओ चकबंदी परवेज अख्तर ने बताया कि राजस्व विभाग की इस टीम में चकबंदी बंदोबश्त अधिकारी के अलावा, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और एसओ निगोहां जगदीश पाण्डेय भी मौजूद रहे। हस्ताक्षर अभियान चलाकर यह जानने का प्रयास किया गया कि कितने किसान पक्ष में है और कितने किसान चकबंदी के विरोध में है। जहां पर 103 किसानों ने चकबन्दी कराये जाने के पक्ष में हस्ताक्षर किया और 240 किसानों ने चकबंदी न कराए जाने के पक्ष में अपने हस्ताक्षर बनाए। वही इसके बाद सीओ चकबन्दी किसानों से कहा ये हस्ताक्षर के कागजात और इस बैठक की रिपोर्ट जिला प्रसाशन को भेजी जायेगी और इसके बाद जो भी फैसला आयेगा उसके बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी।



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