चकिया चन्दौली गांधी नगर स्थित भगत सिंह पार्क में 23 मार्च को अखिल भारतीय किसान सभा,नौजवान सभा तथा भगत सिंह विचार मंच के लोगो ने शहादत दिवस के मौके पर एकत्रित होकर शहीदे आजम भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा एक सभा का आयोजन कर अपने-अपने विचारो को रखे।इस मौके पर वक्ताओ ने कहा कि हमारा देश ब्रिटिश सरकार के अधीन गुलाम था,देश की जनता क्रुर हुकूमत के साये में पीस रही थी,19वीं सदी के प्रारम्भ में भारत के नौजवान ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष प्रारम्भ कर दिये थे,संघर्ष इतना तीखा था कि ब्रिटिश सरकार हिलने लगी,हिन्दुस्तान के नौजवान भगत सिंह के नेतृत्व में हसते हसते फांसी के फंदे को चुमने लगे,अंग्रेज समझ गये कि अब हिन्दुस्तान में राज करना सम्भव नही है और 1947 में वे देश छोड़ कर चले गये।वक्ताओं ने कहा कि उसके बाद देश में डा०भीम राव अम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान बना,जिसके तहत रानी के पेट से राजा पैदा होने के बजाय जनता के चुनाव से प्रतिनिधि चुने जाने लगे,किन्तु देश के पूंजीपति और जमीदार आजादी के आन्दोलन की नौका पर चढ कर सत्ता के गलियारे तक पहुचने लगे।भगत सिंह ने उस समय कहा था कि हमे डर है कि गोरे अंग्रेजों के जाने के बाद काले अंग्रेज राष्ट्रवाद की राग अलाप कर सत्ता पर कब्जा कर लेंगे और आजादी का सुख जो जनता को मिलना चाहिए उसे हड़प कर अपनी तिजोरियों में कैद कर लेंगे।श्रद्धांजलि सभा में श्याम बिहारी सिंह,परमानन्द,लालचन्द एड०,मिश्री लाल पासवान,राम अचल,राम अलम,नन्दलाल,लालमनी,
वसीम अहमद,प्यारे लाल,गुलाब चौहान,मारकण्डेय सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।सभा की अध्यक्षता लालजी मास्टर तथा संचालन शम्भू नाथ यादव ने किया।