उमेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
अमेठी : विकासखंड शुकुल बाजार के ज्यादातर प्राइमरी विद्यालयों के हालात अच्छे नहीं हैं कहीं बाउंड्री वॉल टूटी है तो किसी विद्यालय में टीचर कम है कुछ विद्यालयों में तो एक ही टीचर है। अब सवाल यह उठता है कि एक टीचर कक्षा एक से 5 तक कैसे पढ़ा लेगा ? ऐसे में बच्चों के भविष्य का क्या होगा ? यह अपने आप में बड़ा सवाल है। शौचालय तो ज्यादातर विद्यालय के गड़बड़ ही हैं। सिर्फ नाम मात्र के हैं। इस्तेमाल बहुत कम ही होते हैं।
प्राइमरी पाठशाला पूरे दुनिया में एक प्रधानाध्यापक रवी शंकर के सहारे 80 छात्र हैं। 1 सहायक अध्यापक कार्यरत थे, जिन्हें उच्च प्राइमरी विद्यालय उरेरमऊ में विभाग द्वारा भेज दिया गया। प्रधानाध्यापक प्राइमरी पाठशाला पूरे दुनिया का कहना है कि अकेले होने की वजह से बच्चों की शिक्षण गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। वहीं विद्यालय को जाने वाला रास्ता काफी गड़बड़ है। नहर पार कर बच्चे स्कूल आते हैं, जबकि नहर पर पुलिया नहीं है। वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है जिससे बच्चों को हमेशा खतरा बना रहता है।
वहीं विद्यालय की बाउंड्री वॉल भी टूटी है, जिससे जानवरों और जंगली जानवरों के द्वारा बच्चों को खतरा बना रहता है। प्रधानाध्यापक पूरे दुनिया रविशंकर ने बताया कि इस बारे में कई बार विभाग को अवगत कराया जा चुका है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। वही प्राथमिक विद्यालय पटखौली उरेरमऊ के प्रधानाध्यापक घनश्याम यादव ने बताया कि हमारे विद्यालय की बाउंड्री वाल काफी दिनों से टूटी हुई है, जबकि विद्यालय रोड से सटा है। ऐसे में बच्चों को भारी खतरा रहता है, जिस बारे में प्रधान समेत विभाग को अवगत करा दिया गया है, लेकिन अभी तक बाउंड्री वॉल नहीं बनी है वहीं प्राथमिक विद्यालय पटखौली में छात्रों की संख्या सही देखी गई एवं छात्र मेधावी देखे गए। इससे ऐसा लगता है कि पटखौली में शिक्षकों द्वारा बच्चों को सही शिक्षा और संस्कार दिए जा रहे हैं।