सहाबुद्दीन अहमद की रिपोर्ट
बेतिया : फेक न्यूज़ देने वाले पत्रकारों की मान्यता रद्द करने के आदेश को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत करने के उपरांत वापस ले लिया है। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि मीडिया की आजादी पर यह कुठाराघात आदेश था। पत्रकार संगठनों ने भी दिशा-निर्देशों को वापस लिए जाने का स्वागत किया है।
गौरतलब है कि है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फेक न्यूज पर पत्रकारों की मान्यता रद्द करने की संबंधी विवादित दिशा-निर्देश वापस ले लिया है। पत्रकार संगठन और विपक्षी नेता इसे मीडिया की आजादी पर हमला बता रहे थे। यह मुद्दा प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया पर छोड़ देने का आग्रह किया गया था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फेक न्यूज़ देने वाले पत्रकारों को दिशा निर्देश जारी किया है कि शिकायत मिलने पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को सौंपा जाएगा। यह दोनों संस्थाएं 15 दिनों के अंदर फेक न्यूज़ देने वाले पत्रकारों के न्यूज़ पर जांच करेगी। जांचोपरांत इसका प्रतिवेदन सूचना प्रसारण मंत्रालय को भेजना होगा जो पत्रकारों के लिए भी लाभदायक होगा।